उत्तर प्रदेश

रेलवे की बड़ी सौगात, होली से पहले एक्‍सप्रेस ट्रेनों में आरामदायक सफर, अब हो सकेंगे सात ज्योतिर्लिंग के दर्शन, जानें डिटेल

Renuka Sahu
12 March 2022 2:00 AM GMT
रेलवे की बड़ी सौगात, होली से पहले एक्‍सप्रेस ट्रेनों में आरामदायक सफर, अब हो सकेंगे सात ज्योतिर्लिंग के दर्शन, जानें डिटेल
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फाइल फोटो 

भारत दर्शन और सात ज्योतिर्लिंग दर्शन करने की इच्छा रखने वाले पूर्वांचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत दर्शन और सात ज्योतिर्लिंग दर्शन करने की इच्छा रखने वाले पूर्वांचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। वे ज्योतिर्लिंग के अलावा दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटक स्थलों का भी भ्रमण कर सकेंगे। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने गोरखपुर से 21 मार्च को भारत दर्शन यात्रा ट्रेन संचालित करने की घोषणा की है। आइआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार यात्रियों की मांग को देखते हुए सात ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा ट्रेन संचालित करने का निर्णय लिया गया है। यह ट्रेन 21 मार्च को रवाना होकर 12 रात और 13 दिन की यात्रा पूरी कर 31 को मार्च को गोरखपुर वापस आ जाएगी। इस ट्रेन में सवार होने की सुविधा गोरखपुर, देवरिया सदर, बेलथारा रोड, मऊ, वाराणसी, भदोही, जंघई, प्रयागराज संगम, प्रतापगढ, गौरीगंज, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर, एवं वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन से रहेगी। टूर पैकेज के तहत यात्रा में यात्रियों को नाश्ता, दोपहर और रात में शाकाहारी भोजन मिलेगा।

अब एसी कोच के यात्रियों को अपने साथ चादर-कंबल लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे बोर्ड के बेडरोल देने के निर्देश के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही गोरखपुर मुख्यालय से चलने वाली 19 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा शुरू हो जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को कंबल के अलावा चादर, तौलिया और तकिया के स्टाक और आवश्यकता से पहले ही अवगत करा दिया है। आदेश जारी होने के बाद गोरखपुर स्थित मैकेनाइज्ड लांड्री में बेडरोल तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है।
गोरखपुर में लगभग 14 हजार कंबल हैं। उसे पांच हजार कंबल की और जरूरत है। संक्रमण कम होने के साथ यात्रियों ने ट्रेनों में बेडरोल की मांग तेज कर दी है। बेडरोल के बिना लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। बेडरोल बंद होने के बाद भी पूरा किराया देना पड़ रहा है। इस सुविधा के शुरू हो जाने से जहां एसी कोच के यात्रियों का बोझ हल्का हो जाएगा वहीं एक बार दोबारा से लांड्री गुलजार हो जाएगा। 23 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू होने के साथ ही बेडरोल का उपयोग नहीं हो रहा है। लॉकडाउन के बाद एक जून 2020 से स्पेशल के रूप में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। लेकिन बोर्ड ने कोविड प्रोटोकाल का हवाला देते हुए वातानुकूलित बोगियों से बेडरोल और पर्दे हटा लिए। अब स्थिति सामान्य होने के बाद सभी ट्रेनें चलने लगी हैं। स्लीपर की जगह एसी थर्ड श्रेणी के कोच लगने लगे हैं।
दोबारा मिलेगा रोजगार
लांड्री में बेडरोल की सफाई, छटाई से लेकर एसी कोच में बेडरोल के वितरण की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग पर है। इसमें गोरखपुर बेस पर ही 300 से अधिक कर्मचारी हैं। लेकिन कोविड के दौरान बेडरोल सेवा स्थगित हो जाने के बाद सभी का काम बंद हो गया और वे बेरोजगार हो गए। सेवा शुरू हो जाने से एक बार फिर से उन्हें रोजगार मिलेगा।
श्रद्धालु इन ज्योतिर्लिंगों के कर सकेंगे दर्शन
आइआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार यात्री महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, भीमाशंकर, त्रयंबकेश्वर, घृणेश्वर, सोमनाथ और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। द्वारिका में द्वारिकाधीश मंदिर का भी भ्रमण कर सकेंगे।
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