त्रिपुरा

त्रिपुरा : आग का गोला बनकर फटा टैंक, पांच किमी. तक गूंजी आवाज, 12 मजदूरों की मौत

Shiddhant Shriwas
5 Jun 2022 6:54 AM GMT
त्रिपुरा : आग का गोला बनकर फटा टैंक, पांच किमी. तक गूंजी आवाज, 12 मजदूरों की मौत
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छह मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इनके शव फैक्टरी के प्रांगण में बिखर गए। दो घायलों ने अस्पताल ले जाए जाते समय दम तोड़ दिया। जबकि चार की अस्पताल में मृत्यु हो गई।

जनता से रिश्ता | हापुड़ जिले के धौलाना औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस चौकी से मात्र 250 मीटर और सीएनजी पंप से 500 मीटर की दूरी पर अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्टरी में शनिवार दोपहर ढाई बजे भीषण विस्फोट हो गया। हादसे में 12 मजदूरों की मौत हो गई और 21 बुरी तरह झुलस गए। इनमें से पांच की हालत बहुत गंभीर है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लाइसेंस पर चलाई जा रही फैक्टरी में बारुद के ढेर में अन्य रसायन मिलाए जाते समय हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरी इमारत जमींदोज हो गई और भीषण आग लग गई। मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। हापुड़ की डीएम मेधा रूपम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने फैक्टरी मालिक और संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। धमाके के वक्त 35 मजदूर मौजूद थे। ये सभी दोपहर का खाना खाने के बाद फिर से पटाखे बनाने में लगे ही थे कि धमाका हो गया। इसकी गूंज पांच किलोमीटर तक सुनाई दी।

छह मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इनके शव फैक्टरी के प्रांगण में बिखर गए। दो घायलों ने अस्पताल ले जाए जाते समय दम तोड़ दिया। जबकि चार की अस्पताल में मृत्यु हो गई।

धमाका सुनकर आसपास के लोगों ने समझा कि किसी फैक्टरी का बॉयलर फटा है। इसी की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने बताया कि फैक्टरी मेरठ निवासी दिलशाद की है। उसने हापुड़ के वसीम को किराये पर दे रखा था। वसीम ही पटाखे बनवा रहा था। वह भी घायल बताया गया है। उसकी गाड़ी मौके पर मिली है।

हापुड़ जिले के धौलाना के यूपीएसआईडीसी स्थित पटाखा फैक्टरी में धमाके के बाद का मंजर रूह कंपाने वाला था। बारूद में लगी आग के धमाके की आवाज पांच किलोमीटर तक गूंजी, कामगारों के शव उड़कर फैक्टरी परिसर से बाहर जाकर गिरे।

गेट पर ताला, अंदर बन रहे थे पटाखे

फैक्टरी के गेट पर ताला लटका हुआ था ताकि लोग इसे बंद समझें। अंदर पटाखे बनाए जा रहे थे। मजदूर फैक्टरी के अंदर ही बने कमरों में रहते थे। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां रात में ट्रक आते थे।

आग बुझाने के नहीं थे इंतजाम

फैक्टरी में न आग बुझाने का कोई इंतजाम था और न ही प्राथमिक चिकित्सा का। मजदूरों को आग बुझाने का कोई प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया था। बारूद से पटाखे बनाने के काम के लिए कोई रसायन विशेषज्ञ भी मौजूद नहीं था। पुलिस का कहना है कि यही वजह रही कि रसायनों का मिश्रण गलत हो गया जिससे धमाका हुआ।

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