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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने मंगलवार को राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर चर्चा की गई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि बांग्लादेश के रोहिंग्या घुसपैठिए दलालों की मदद से दिल्ली या कश्मीर जाने के लिए त्रिपुरा को गलियारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
यहां प्रज्ञा भवन में बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''हमने त्रिपुरा में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ पर विस्तृत चर्चा की।'' साहा ने कहा कि उन्होंने हाल ही में उनाकोटि जिले का दौरा किया था, यह देखने के लिए कि कैसे बाढ़ ने बांग्लादेश के साथ कंटीले तारों वाली अंतरराष्ट्रीय बाड़ को व्यापक नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा, "नदी ने वहां अपनी दिशा बदल ली है, जिससे बाड़ को व्यापक नुकसान हुआ है। अब, घुसपैठिए सीमा पार करने के लिए क्षतिग्रस्त हिस्से का उपयोग कर रहे हैं। पुलिस घुसपैठ के प्रयासों को रोकने के लिए बीएसएफ के साथ समन्वय बढ़ाएगी।"
यह दोहराते हुए कि नशीली दवाओं के खतरे पर कार्रवाई जारी रहेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने पहले ही विनाश के लिए गांजा बागानों का नक्शा तैयार करने के लिए ड्रोन का उपयोग करना शुरू कर दिया है।उन्होंने कहा, "हमने इस मुद्दे पर चर्चा की और पुलिस नशीली दवाओं के खतरे से गंभीरता से निपट रही है। ड्रग कार्टेल के सरगनाओं को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
यह दावा करते हुए कि राज्य की कानून व्यवस्था अच्छी है, साहा ने कहा, ''राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा का अपराध चार्ट देश में सबसे कम है।'' उन्होंने कहा, ''मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि राज्य फरवरी में हिंसा मुक्त चुनाव हुआ और इसका श्रेय राज्य पुलिस को जाता है।"
उन्होंने कहा कि राज्य का पहला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन सितंबर तक बन जाएगा।
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