त्रिपुरा

केंद्र और त्रिपुरा सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिए बैलेट पेपर की सिक्योरिटी के निर्देश

Deepa Sahu
25 Nov 2021 12:45 PM GMT
केंद्र और त्रिपुरा सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिए बैलेट पेपर की सिक्योरिटी के निर्देश
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त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव (Tripura Municipal Elections) में मतदान के बीच हिंसा के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.

नई दिल्ली. त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव (Tripura Municipal Elections) में मतदान के बीच हिंसा के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC ) ने कहा कि मतदान के दौरान वहां हिंसा हो रही है. टीएमसी की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे शंकर नारायणन ने कहा कि हिंसा के वीडियो भी मेरे पास आए हैं. मामले की सुनवाई कर रहे जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा कि बैठक के बाद 2 अतिरिक्त कंपनियों की मांग की गई है. सॉलिसीटर जनरल यहां हैं इसलिए हम गृह मंत्रालय से जवाब देने का अनुरोध कर सकते हैं. गृह मंत्रालय डीजीपी और गृह सचिव के अनुरोध का समर्थन कर सकता है. अदालत ने इस दौरान मत पत्रों और मतगणना के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

इस पर त्रिपुरा राज्य के वकील जेठमलानी ने कहा कि सुरक्षा को लेकर एक बैठक हुई और गृह मंत्रालय से अतिरिक्त कंपनियों के लिए अनुरोध किया गया था. मंत्रालय की सहमित के बाद यहां 2 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं. जिसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील शंकरनारायणन से पूछा कितने मतदान केंद्र हैं? जिस पर वकील ने कहा कि 770 मतदान केंद्र है जिन पर 4:30 बजे मतदान समाप्त होगा. त्रिपुरा सरकार की तरफ से जेठमलानी ने कहा कि यह इलेक्शन से जुड़ा मामला है. स्टेट इलेक्शन कमीशन इसका निपटारा करे.अदालत ने कहा- 'डीजीपी और गृह सचिव समीक्षा करें और गृह मंत्रालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित करें. एसजी मेहता द्वारा किए गए आश्वासन के मद्देनजर ऐसे किसी भी अनुरोध पर विचार किया जाएगा. हम राज्य चुनाव आयोग, डीजीपी और गृह सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि हर बूथ पर सीएपीएफ कर्मियों की पर्याप्त संख्या हो.' कोर्ट ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार से बैलेट पेपर की सुरक्षा और मतगणना सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहा.
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा निर्बाध कवरेज कराए जाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 28 नवंबर को मतगणना होने तक मतपेटियों की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ कर्मियों को तैनात किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे नहीं होने के मद्देनजर त्रिपुरा नगर निकाय चुनावों का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा निर्बाध कवरेज कराए जाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि यदि कोई अत्यावश्यक स्थिति पैदा होती है तो प्रत्येक मतदान अधिकारी सीएपीएफ अधिकारियों की मदद ले सकता है.
आरोपों के बीच त्रिपुरा में मतदान जारी
बता दें राजनीतिक हिंसा के आरोपों के बीच त्रिपुरा के 14 नगर निकायों के लिए मतदान जारी है. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश की राजधानी अगरतला में वार्ड संख्या पांच में पार्टी के एक कार्यकर्ता को पीटा गया. हालांकि पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना की पुष्टि नहीं की है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव जितेन चौधरी ने दक्षिण त्रिपुरा जिले में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा मतदाताओं को धमकाने और पार्टी कार्यकर्ताओं को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देने का आरोप लगाया.हालांकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन आरोपों से इनकार किया. पार्टी के प्रवक्ता नेबेंदु भट्टाचार्य ने बृहस्पतिवार को कहा, 'मतदान जोरशोर से आरंभ हुआ.' त्रिपुरा निकाय चुनावों में भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वह अगरतला नगर निगम और 19 शहरी निकायों की कुल 334 सीटों में से 112 पर निर्विरोध जीत चुकी है. बाकी की 222 सीटों के लिए कुल 785 उम्मीदवार मैदान में हैं. कुल 5, 94,772 पात्र मतदाता हैं.


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