पत्रकारों की गिरफ्तारी पर त्रिपुरा सरकार को सुप्रीम कोर्ट में झटका, जानें पूरा मामला
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को त्रिपुरा सरकार और पुलिस को झटका देते हुए एक निजी चैनल की दो महिला पत्रकारों के खिलाफ तमाम आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया. बीते महीने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा कवर करने त्रिपुरा पहुंची एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क की दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने और दो समुदायों में दुश्मनी बढ़ाने समेत कई आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उनकी जमानत हो गई थी. इस मामले ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उसके बाद इस चैनल और दोनों पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ त्रिपुरा पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में त्रिपुरा पुलिस से चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है. अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में पूजा पंडालों में तोड़फोड़ और कुछ लोगों की मौत के बाद विश्व हिंदू परिषद ने त्रिपुरा में एक रैली निकाली थी. उस दौरान बड़े पैमाने पर संप्रदायिक हिंसा हुई थी और कथित रूप से कुछ मस्जिदों में भी तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी. हालांकि राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर इस बारे में आने वाली खबरों, तस्वीरों और वीडियो को फर्जी बताते हुए करीब 102 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए थे. केंद्र सरकार ने भी इनको निराधार बताया था. क्या है मामला दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में कई पूजा पंडालों पर हमले, तोड़-फोड़ और आगजनी की गई थी. इन घटनाओं में कुछ लोगों की मौत भी हो गई थी. उस घटना के विरोध में त्रिपुरा में विश्व हिंदू परिषद की ओर से एक रैली का आयोजन किया गया था.