त्रिपुरा
सरकार का फैसला: त्रिपुरा में प्रवेश के लिए RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य, टीएमसी भड़की
jantaserishta.com
30 Oct 2021 10:22 AM GMT
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नई दिल्ली: टीएमसी (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee), 31 अक्टूबर को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. लेकिन जाने से पहले ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई है.
29 अक्टूबर की शाम को, त्रिपुरा सरकार ने राज्य में, 9 खास राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा से 48 घंटे पहले की नेगेटिव RTPCR टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य करने का आदेश जारी किया. ये 9 राज्य वे हैं जिनमें 26 अक्टूबर को COVID19 पॉज़िटिव दर 5% या उससे ज़्यादा थी. इन राज्यों में केरल, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड शामिल है. यह नियम यात्रियों के लिए अनिवार्य किया गया है, भले ही उनके टीकाकरण की स्थिति कुछ भी हो.
आदेश में कहा गया है कि अगर यहां आने वाले यात्री के पास निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं है, तो "उस यात्री को राज्य सरकार के मानदंडों के अनुसार प्रवेश पर ही टेस्ट करवाना होगा."
शुक्रवार शाम को आदेश जारी होते ही, टीएमसी के त्रिपुरा हैंडल ने ट्वीट किया, "बंगाल के किसी भी ज़िले में पॉज़िटिविटी रेट 5% से ज़्यादा नहीं है! क्या त्रिपुरा सरकार ठीक है? किसके निर्देश पर वे इतना तर्कहीन काम कर रहे हैं? उन्हें क्या डर है ?" उन्होंने पश्चिम बंगाल के 23 जिलों और वहां की पॉज़िटिविटी रेट की जानकारी साझा की, जिसमें कोलकाता की पॉजिटिविटी दर 4.18% पर सबसे ज़्यादा थी.
टीएमसी सूत्रों का आरोप है कि बीजेपी ने जानबूझकर टीएमसी को रोकने के लिए, ये अधिसूचना 29 अक्टूबर की शाम को जारी की है. क्योंकि अभिषेक बनर्जी अगरतला में 31 अक्टूबर, दोपहर 1 बजे एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. यह तब है, जब टीएमसी सांसद के कार्यक्रम के लिए अनुमति 28 अक्टूबर को दी गई थी. टीएमसी की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने त्रिपुरा सरकार के डेटा को गलत बताया है.
त्रिपुरा सरकार के आदेशानुसार, त्रिपुरा में प्रवेश के लिए 30 अक्टूबर से उन राज्यों के यात्रियों को निगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है, जहां एक से ज़्यादा जिलों में कोरोना पॉज़िटिविटी रेट 5% या उससे ज़्यादा है. भले ही उनके वैक्सीनेशन की स्थिति कुछ भी हो.
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