त्रिपुरा

माकपा के माणिक सरकार ने किया इतना बड़ा ऐलान, इस राज्य में BJP सरकार की फूली सांस

Gulabi Jagat
3 April 2022 10:15 AM GMT
माकपा के माणिक सरकार ने किया इतना बड़ा ऐलान, इस राज्य में BJP सरकार की फूली सांस
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राज्य में BJP सरकार
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (BJP)-इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के गठबंधन वाली सरकार को 'जनविरोधी' करार देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) के नेता माणिक सरकार ने शनिवार को पूर्वोत्तर के राज्य में 'लोकतंत्र की बहाली' का आह्वान किया।
मणिक सरकार ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व वाली सरकार में एक ''घुटन भरी स्थिति'' बना दी गई है, जहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती की गई है। वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता ने कहा, ''लोकतांत्रिक अधिकारों को कायम रखना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। त्रिपुरा में जनता को संकट में डालकर लोकतांत्रिक मूल्यों और अधिकारों को कुचला जा रहा है। केवल अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी ही नहीं, समाज के सभी वर्ग चाहे वह दलित हों या अल्पसंख्यक, जनविरोधी नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं।''
रैली का आयोजन माकपा से जुड़े संगठन त्रिपुरा तपशिलिजाति सम्मान समिति (टीटीएसएस) की 16 सूत्री मांगों पर भाजपा-आईपीएफटी सरकार के खिलाफ एक ''आरोप पत्र'' पेश करने के लिए किया गया था। जनता से राज्य में लोकतंत्र बहाल करने का आग्रह करते हुए सरकार ने कहा कि ''जनविरोधी'' सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करना होगा। उन्होंने कहा, ''जो लोग खुद को घरों तक सीमित रखते हैं, उन्हें लोकतंत्र की बहाली के आंदोलन में शामिल होने के लिए आगे आना चाहिए। कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं बचा है। वे लोग विजेता बनते हैं जो लोगों के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन में शामिल होते हैं।''
सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के सत्तारूढ़ सरकार के ''बहु-प्रचारित'' निर्णय पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ''जब सरकारी क्षेत्र में नौकरी नहीं है तो महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का क्या मतलब है? भाजपा ने हर साल 50,000 नौकरियां देने का वादा किया था। पूरा कहां हुआ है।'' माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य ने दावा किया कि वाम मोर्चा सरकार के ''अच्छे और कल्याणकारी कार्यों'' को धराशायी कर दिया गया है और लोग नए शासन में ''कठिन समय'' का सामना कर रहे हैं।
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने भी दृष्टि पत्र में ''झूठे वादों के साथ लोगों को बेवकूफ बनाने'' के लिए भाजपा-आईपीएफटी सरकार पर जमकर निशाना साधा। चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में लोकतंत्र, संविधान और राज्य की परंपरा ध्वस्त हो गई है और नागरिकों के वोटिंग अधिकार भी छीन लिए गए हैं। भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन 2018 में माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के 25 साल के शासन को समाप्त कर त्रिपुरा में सत्ता में आया था।
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