
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : त्रिपुरा में सत्तारुढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के दो बड़े नेताओं के बीच टकराव से पार्टी न सिर्फ शर्मनाक स्थिति में पहुंच गयी है वरन विभाजन की कगार पर भी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक आईपीएफटी के भीतर पिछले दो साल से कलह की स्थिति है, लेकिन बुधवार को उस समय जबरदस्त अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आयी, जब पूर्व पार्टी अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री एन सी देववर्मा ने मौजूदा प्रदेश समिति को अवैध घोषित किया।श्री देववर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि आदिम जाति कल्याण मंत्री मेवार के जमातिया की अध्यक्षता में मौजूदा प्रदेश समिति का गठन पार्टी की परंपरा और नियमों के अनुसार नहीं किया गया था, इसलिए यह समिति अवैध है और हाल के महीनों में इसके जो भी निर्णय और गतिविधियां रही , उनकी कोई वैधता नहीं है। उन्होंने संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए आईपीएफटी के अध्यक्ष के रूप में आज श्री जमातिया समेत सहित पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।
