Rahul Gandhi: राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया है। बता दें कि अगर राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो उन्हें एक महीने के भीतर लुटियंस दिल्ली में अपना आधिकारिक बंगला खाली करना पड़ सकता है।
2004 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राहुल को 12, तुगलक लेन वाला बंगला आवंटित किया गया था। केंद्रीय आवास और शहरी मामले मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, इसलिए अब वह सरकारी आवास के अधिकारी नहीं हैं। अयोग्य घोषित किए जाने की तारीख से एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा।
राहुल गांधी के सामने सबसे पहली चुनौती सदस्यता बहाल कराने की है। कानून के जानकारों के अनुसार, अगर अदालत राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा देती है तो उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन का मानना है कि राहुल की सदस्यता जाने का मुख्य कारण दोषी ठहराया जाना और सजा होना है।
ऐसे में अगर अपीलीय अदालत राहुल गांधी को बरी कर देती है तो उनकी अयोग्यता समाप्त हो जाएगी और सदस्यता बहाल हो जाएगी। राहुल गांधी की ओर से अधिसचूना रद करने और दोषसिद्धि पर रोक के लिए याचिका दाखिल की जा सकती है और हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट उस पर अंतरिम स्टे दे सकता है।
बता दें कि राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि, सजा सुनाने के बाद ही कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और अपील करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया है। ऐसे में राहुल गांधी को ऊपरी अदालत में अपील कर पूरे केस को गलत साबित करना होगा और खुद को निर्दोष भी साबित करना पड़ेगा।