नेशनल : उन्होंने कहा कि संसद सिर्फ स्मारक नहीं, बल्कि जीवंत होनी चाहिए। शर्मा ने राहुल के मामले को भारतीय न्यायपालिका के लिए अग्निपरीक्षा करार देते हुए उम्मीद जताई कि ऊपरी अदालत में यह निर्णय बदलेगा।शर्मा ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'जिस ढंग से फैसला आया और जिस तेजी से सदस्यता खत्म कर दी गई, वो कोई अच्छा संदेश नहीं है। अगर यही पैमाना सब पर लागू कर दिया जाए तो संसद खाली हो जाएगी।'
उन्होंने कहा कि निर्णय गलत था, वो निर्णय बदला जरूर जाएगा। यह मामला भारतीय न्यायपालिका के लिए अग्निपरीक्षा है। शर्मा ने सरकार से सवाल किया, 'क्या भारत की संसद में सरकारों ने पहले आलोचना का सामना नहीं किया था? क्या पहले के प्रधानमंत्रियों ने जेपीसी नहीं बनाई थी?'
उन्होंने कहा, 'भारत के अंदर दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। आज ऐसा समय है जब सरकार खुद ही संसद नहीं चलने दे रही है। यह बड़ा सैद्धांतिक विषय है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। केवल बड़ी इमारत खड़ी कर देने से प्रजातंत्र मजबूत नहीं होता।' उन्होंने कहा कि संसद का मतलब सिर्फ सरकारी विधेयकों को पारित कराना नहीं है, बल्कि विपक्षियों द्वारा जनहित के मुद्दों को उठाना और सरकार की जिम्मेदारी तय करना भी है।