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हैदराबाद, (आईएएनएस)| कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी मंगलवार को अपने चाचा और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सामने पेश हुए। मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के भतीजे अविनाश रेड्डी हैदराबाद में सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश हुए। पुलिस अधीक्षक (एसपी) राम सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम उनसे पूछताछ कर रही।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद अपने सहयोगियों के साथ सीबीआई कार्यालय पहुंचे। यह चौथी बार है जब सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है।
सांसद इससे पहले 28 जनवरी, 24 फरवरी और 10 मार्च को सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे।
लोकसभा सदस्य ने संसद सत्र के चलते पेशी से छूट मांगी थी, लेकिन सीबीआई ने उनके पत्र का जवाब नहीं दिया। उन्होंने तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा अपनी याचिका की सुनवाई के मद्देनजर भी छूट मांगी थी, लेकिन अदालत ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें सीबीआई को उनके खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण ने सीबीआई को आदेश सुनाए जाने तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश देते हुए पहले के अंतरिम आदेशों की अवधि बढ़ा दी।
अविनाश रेड्डी ने तर्क दिया कि सीबीआई उन्हें मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
उनके वकील टी. निरंजन रेड्डी ने तर्क दिया कि सीबीआई विवेकानंद रेड्डी और उनकी दूसरी पत्नी शमीम के दामाद एन. राजशेखर रेड्डी की भूमिका की जांच नहीं कर रही है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि विवेकानंद रेड्डी ने 2010 में शमीम से शादी की थी और उनका एक बेटा भी है। उनकी दूसरी शादी के परिणामस्वरूप, उनके परिवार में वित्तीय लेन-देन सहित मतभेद थे। विवेकानंद रेड्डी को उनके परिवार के साथ संपत्ति विवाद के कारण मार दिया गया था। वरिष्ठ वकील ने सीबीआई से इस कोण से जांच करने को कहा।
अविनाश रेड्डी ने इस बात से भी इंकार किया कि उन्होंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया कि विवेकानंद रेड्डी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।
सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में केस डायरी हाईकोर्ट को सौंपी। अपराध स्थल पर मिले पत्र और एफएसएल रिपोर्ट के अलावा 35 गवाहों की गवाही, 10 दस्तावेज, कुछ फोटोग्राफ और हार्ड डिस्क अदालत के समक्ष रखी गई। सीबीआई के वकील ने प्रस्तुत किया कि अविनाश रेड्डी पर मामले में सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया गया था।
गौरतलब है कि विवेकानंद रेड्डी 2019 के आम चुनावों से एक महीने पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर रहस्यमय तरीके से मृत पाए गए थे।
राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी। कडपा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने से कुछ घंटे पहले उनकी हत्या कर दी गई थी।
सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 2020 में मामले की जांच अपने हाथ में ली, जिसने कुछ रिश्तेदारों पर संदेह जताया था।
पिछले साल नवंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पीछे की बड़ी साजिश के मुकदमे और जांच को हैदराबाद में सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दिया। शीर्ष अदालत ने पाया कि सुनीता रेड्डी द्वारा आंध्र प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई और जांच के बारे में उठाए गए संदेह उचित थे।
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