तेलंगाना

तेलंगाना वफ्क बोर्ड के जरिए मुअज्जिनों को मस्जिदों में बांटी जाएगी राशि

Admin2
28 May 2022 10:43 AM GMT
तेलंगाना वफ्क बोर्ड के जरिए मुअज्जिनों को मस्जिदों में बांटी जाएगी राशि
x
सीएम केसीआर

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बरसों से इस तरह की सहायता दी जा रही है. तेलंगाना ही नहीं, देश के कई राज्यों में इमामों और मुअज्जिनों को इस तरह वेतन और मानदेय दिया जाता है. हालांकि रकम अलग-अलग है.तेलंगाना के एक इमाम हफीज मोहम्मद अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मैं पिछले 8-10 साल से मोहम्मद लेन की जामा मस्जिद में इमाम हूं. मैं सीएम केसीआर को 5,000 रुपये का मासिक वेतन देने के लिए धन्यवाद देता हूं. उम्मीद करता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहेगा. उन्होंने आगे कहा, 'मैं (असदुद्दीन) ओवैसी और स्थानीय विधायक को भी धन्यवाद देता हूं. हमें इस तरह की जो आर्थिक मदद मिल रही है, वह अनोखी है. किसी सरकार ने हमारी इस तरह से देखभाल नहीं की. लेकिन केसीआर कर रहे हैं. मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि वह उन्हें अच्छी सेहत बख्शे.'

बता दें कि 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी सहायता प्राप्त मस्जिदों में इमामों को सैलरी देने का आदेश दिया था. गैर सरकारी सहायता प्राप्त मस्जिदों के मामले में कोर्ट ने मानदेय देने को कहा था. इसके बाद कई राज्यों में इमामों और मुअज्जिनों को वेतन की व्यवस्था है. दिल्ली में जून 2019 में वक्फ बोर्ड ने इमामों की सैलरी बढ़ाकर 18 हजार रुपये और मुअज्जिनों की 16 हजार रुपये कर दी थी. तब वक्फ बोर्ड ने बताया था कि वो 300 मस्जिदों के इमामों को सैलरी देता है. आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने जनवरी 2016 में इमामों को 5 हजार रुपये और मुअज्जिनों को 3 हजार रुपये महीना मानदेय देने की घोषणा की.
सोर्स-न्यूज़18


Next Story