New Delhi नई दिल्ली: कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि सरकार की तेलंगाना में सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के निजीकरण की कोई योजना नहीं है तथा इसे और मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे। कोयला खनन कंपनी तेलंगाना सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त स्वामित्व में है तथा इसका भंडार तेलंगाना की प्राणहिता-गोदावरी घाटी के 350 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। प्रश्नकाल के दौरान मंत्री ने यह भी कहा कि सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण की कोई योजना नहीं है तथा सरकार इसे मजबूत करने पर विचार कर रही है।
रेड्डी ने लोकसभा को यह भी बताया कि सरकार किसी भी कोयला खदान के निजीकरण की योजना नहीं बना रही है। वे कांग्रेस सदस्य वामसी कृष्ण गद्दाम के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने कहा था कि कंपनी का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए। सिंगरेनी कोलियरीज के पास कुल 8,791 मिलियन टन का प्रमाणित भूगर्भीय भंडार है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में यह तेलंगाना के छह जिलों में 17 ओपनकास्ट और 22 भूमिगत खदानों का संचालन कर रही है, जिसमें लगभग 42,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी में तेलंगाना सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है।