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हैदराबाद, (आईएएनएस)| तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के एक गांव ने हाल ही में वन रेंज अधिकारी (आरएफओ) की हत्या में कथित रूप से शामिल गुट्टी कोया आदिवासियों को बाहर निकालने का फैसला किया है। बेंदलापाडु पंचायत ने सभी गुट्टी कोया आदिवासियों को छत्तीसगढ़ वापस भेजने के लिए ग्राम सभा में एक प्रस्ताव पारित किया है।
एफआरओ श्रीनिवास राव (42) की 22 नवंबर को तब हत्या कर दी गई थी जब उन्होंने गुट्टी कोयस आदिवासियों को चंद्रगोंडा वन क्षेत्र में पोडू भूमि पर वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों को हटाने से रोकने की कोशिश की थी। पुलिस ने 23 नवंबर को छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के मूल निवासी मड़कम तुला और पोडियम नागा- वन अधिकारी की हत्या के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
उनकी गिरफ्तारी तब हुई थी जब वह सुकमा भागने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, एफआरओ पर हुए जानलेवा हमले के बाद रात में वह जंगल में सोए थे और सुकमा जाने के लिए पैसे लेने के लिए सुबह गांव पहुंचे थे। हत्या के एक दिन बाद वनकर्मियों ने सरकार से गुट्टी कोया आदिवासियों को राज्य से बाहर निकालने की मांग की थी।
वनकर्मियों ने आरोप लगाया कि गुट्टी कोयस ने अन्य राज्यों से तेलंगाना में घुसपैठ की और वन भूमि का अतिक्रमण किया, फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन और जूनियर फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने मांग की कि सरकार उन्हें बाहर निकालने के लिए तत्काल कदम उठाए।
पोडू भूमि आदिवासियों और गैर-आदिवासी वनवासियों द्वारा खेती की जाने वाली वन भूमि है। काश्तकारों और वन विभाग के बीच अनबन हो गई है। हाल के वर्षों में, वन विभाग द्वारा ऐसी भूमि पर किए गए वृक्षारोपण के कारण राज्य के विभिन्न स्थानों पर दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं।
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