तेलंगाना

तेलंगाना: बारिश से उखड़े 70 साल पुराने विशाल बरगद के पेड़ को प्रकृति प्रेमीयों के कारण फिर से मिली जमीन

Kunti Dhruw
15 Feb 2022 7:33 AM GMT
तेलंगाना: बारिश से उखड़े 70 साल पुराने विशाल बरगद के पेड़ को प्रकृति प्रेमीयों के कारण फिर से मिली जमीन
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तेलंगाना के सिरसिला जिले में पर्यावरण संरक्षण की एक खूबसूरत मिसाल देखने को मिली।

सिरसिला, तेलंगाना के सिरसिला जिले में पर्यावरण संरक्षण की एक खूबसूरत मिसाल देखने को मिली। प्रकृति प्रेमियों के सफल प्रयास से एक उखड़े हुए बरगद के पेड़ को फिर से जमीन मिल गई। बता दें कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण एक 70 साल से अधिक पुराना बरगद पेड़, जो 100 टन था। उसे कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने मिलकर एक नया जीवन दिया है।

क्या है पूरा मामला
सिलसिला जिले के सुड्डाला गांव में भीषण बारिश के कारण महीने पहले एक 70 वर्षीय विशाल बरगद का पेड़ उखड़ गया था। लेकिन उसी गांव के एक शख्स डा डोब्बाला प्रकाश, जो एक प्रकृति प्रेमी है।
साथ ही वह
वृक्ष रक्षा के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। वह इस विशाल बरगद के पेड़ के गिरने से बेहद परेशान और विचलित हो उठे थे। वह यह सोच कर चिंतित थे कि जिस ने मनुष्यों और पक्षियों को समान रुप से आसरा दिया। वह पेड़ बेसहारा जमीन पर पड़ा है। बस फिर क्या था उन्होंने पेड़ को फिर से लगाने का फैसला कर लिया। पेड़ को पुनर्जीवित करने के लिए डा डोब्बाला प्रकाश ने खर्चों के लिए दानदाताओं की तलाश शुरु कर दी।



उनके इस प्रयास में राज्यसभा सांसद जे संतोष कुमार, से बड़ा सहयोग मिला, जो अपनी हरित पहल के लिए जाने जाते हैं। संतोष कुमार ने डा प्रकाश की मदद करने का फैसला किया और परिवहन की व्यवस्था की।
जानें कैसे पुनः स्थापित किया गया विशाल बरगद का पेड़
विशाल बरगद के पेड़ को फिर से लगाने के लिए बड़े वाहन यानी की क्रेन की मदद ली गई, जो 100 टन की क्षमता वाले पेड़ को सरलता से उठा सके। पेड़ एक आसान रास्ते से अपने स्थापित होने की जगह पर पहुंच सके इसके लिए एक विशेष रणनीति बनाई गई। जिसके बाद, 70 टन की क्षमता रखने वाली दो क्रेन मिलकर पेड़ को उठाकर एक जगह से दूसरे जगह पर रखा। पेड़ जहां गिरा था वहां से करीब छह किलोमीटर दूर उसे स्थानांतरित किया गया।‌ संतोष कुमार ने बताया कि पेड़ की दो बड़ी-बड़ी शाखाओंको तंगन्नापल्ली मंडल में जिल्लेल्ला वन क्षेत्र में लगाई गई हैं।
सांसद संतोष कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का बेहद खास ख्याल रखा गया और वह हर समय डा प्रकाश के संपर्क में रहते थे। संतोष कुमार ने कहा कि पूरी प्रक्रिया मंत्री केटी रामाराव के आशीर्वाद से ही संभव हो पाई है। उन्होंने जिला कलेक्टर और VATA सदस्यों और डा प्रकाश उनके इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया।
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