तेलंगाना

हैदराबाद, चेन्नई , दिल्ली एशिया के शीर्ष डेटा सेंटर बाजार

Rani Sahu
18 Nov 2022 12:26 PM GMT
हैदराबाद, चेन्नई , दिल्ली एशिया के शीर्ष डेटा सेंटर बाजार
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नयी दिल्ली,। भारत (India) के हैदराबाद (Hyderabad), चेन्नई (Chennai) और नयी दिल्ली एशिया में शीर्ष डेटा सेंटर बाजारों के रूप में उभरे हैं। यह जानकारी इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक की ताजा रिपोर्ट में दी गयी है।
नाइट फ्रैं की 2022 की तीसरी तिमाही की डेटा सेंटर (data center) रिपोर्ट में कहा गया है कि हैदराबाद, नयी दिल्ली और चेन्नई के भारतीय शहरों में कुल आईटी पावर -(डेटा सेंटर क्षमता) का लगभग 1,100 मेगावाट के स्तर पर है। इन तीन शहरों में अभी और 453 मेगावाट आईटी पावर की क्षमता जोड़े जाने की उम्मीद है। इसके लिए योजना वर्तमान में प्रारंभिक चरण में चल रही है। डेटा सेंटर क्षेत्र का अनुसंधान एवं विश्लेषण करने वाली प्रमुख कंपनी डीसी बाइट के साथ प्रकाशित नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इन तीन शहरों में डेटा सेंटर क्षमता की लगभग दो-तिहाई आपूर्ति पिछले कुछ एक वर्षों में ही जोड़ी गयी है। इस तरह साल दो साल में भारत के इन तीन प्रमुख केंद्रो पर डाटा सेंट क्षमता तीन गुना हो गयी है। वर्तमान में स्थापित क्षमता के करीब आधी और क्षमता की प्रारंभिक योजना बनायी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में हैदराबाद, नयी दिल्ली और चेन्नई के पास संयुक्त रूप से 100मेगावट से अधिक की लाइव क्षमता (परिचालन) है। लगभग 189 मेगावाट की डेटा सेंटर क्षमता की स्थापना का काम पहले से ही निर्माणाधीन है उससे निकट भविष्य में प्रभावी रूप से लाइव क्षमता को तीन गुना हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 1.25 गीगावाट आईटी पावर की योजना नियोजन बन रही है इनमें से कुछ प्रारंभिक चरण में है और 800 मेगावट से अधिक के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध की जा चुकी है।
चेन्नई में सबसे अधिक 41.4 मेगावाट की लाइव क्षमता है, इसके बाद हैदराबाद ( 33.7मेगावाट) और नई दिल्ली ( 32.6 मेगावाट) का नंबर है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस मामले में जल्दी ही चेन्नई से से आगे निकल सकती है जहां 84मेगावाट क्षमता का निर्माण हो रहा है। इसके चालू होने पर यहां लाइव क्षमता को 117 मेगावाट (लगभग चौगुनी ) हो जाएगी।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "भारत में, डेटा सेंटर उद्योग की वृद्धि की गति तेज है, इसमें कुछ हाथ सरकार की नीतियों का है क्योंकि इसके लिए कर्ज की सुविधा आसान की गयी है तथा डेटा सेंटर निवेश को बढ़ावा देने के लिए कुछ दूसरे प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। लेकिन कुल मिला कर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डाटा सेंटर की मांग और उसका विस्तार मजबूत धरातल पर है।"

Source : Uni India

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