तेलंगाना

असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका के शिकागो में कार्यक्रम के चलते रजाकारों का किया जिक्र

Rounak Dey
16 Jun 2023 1:11 PM GMT
असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका के शिकागो में कार्यक्रम के चलते रजाकारों का किया जिक्र
x

हैदराबाद | एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का अमेरिका के शिकागो के कार्यक्रम के दौरान दिया गया एक बयान सुर्खियों में है। उनसे एक शख्स ने पाकिस्तान के मुसलमानों को लेकर सवाल पूछा था जिस पर ओवैसी ने बेहद दिलचस्प जवाब दिया। ओवैसी से पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान के मुसलमानों को भी अपना भाई मानते हैं? इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा, 'हम पाकिस्तान नाम का एक और देश बनाने के खिलाफ थे क्योंकि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी।' ओवैसी ने आगे कहा, 'रजाकार पाकिस्तान चले गए लेकिन वफादार भारत में रह गए थे।'

ओवैसी के बयान के बाद रजाकारों को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। दरअसल रजाकारों को हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली की सेना बताया जाता है। इनके दम पर निजाम ने आजादी मिलने के बाद एक साल तक अपनी जनता के भारत में विलय होने की इच्छा को दबाए रखा था।रजाकार यानी मिलिशिया यानी आम लोगों की सेना, जो जरूरत पड़ने पर हथियार उठा सके। मूल रूप से ये अरब और पठान से थे। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में निजाम की सेना में इनकी भर्ती हुई। 20 सदी तक इन्हें रजाकार का नाम मिल गया।

रजाकारों को कट्टर धार्मिक बताया गया। राजनीतिक दल इत्तेहाद उल मुसलमीन के नेता और मौलाना कासिम रिजवी के कमान संभालने के बाद रजाकार और भी ज्यादा उपद्रवी हो गए थे।

इन्हें लेकर भारत सरकार के पास रिपोर्ट्स भेजी गई जिसमें दावा था कि रजाकार बहुत ताकतवर हैं और उनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं, हवाई शक्ति है और बख्तरबंद गाड़ियां भी हैं।

Next Story