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चेन्नई, (आईएएनएस)| खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ क्या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत दरों में वृद्धि करेगी या इस पर विराम लगाएगी? इसका पता 8 फरवरी को ही चलेगा। दरों पर फैसला करने के लिए आरबीआई की एमपीसी 6-8 फरवरी को बैठक करेगी।
क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर- फिक्स्ड इनकम, पंकज पाठक ने कहा, मुद्रास्फीति पिछले तीन महीनों में काफी नीचे आई है। अमेरिका में दरों में मामूली वृद्धि के साथ बाहरी परिस्थितियों में सुधार आया है। आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में भी पिछले कुछ महीनों में वृद्धि हुई है। हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी की बैठक में दर वृद्धि चक्र को रोकेगा और रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर बनाए रखेगा।
पाठक के मुताबिक बॉन्ड बाजार को सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि बॉन्ड यील्ड धीरे-धीरे नीचे जाएगी, हालांकि एलिवेटेड बॉन्ड सप्लाई यील्ड के नकारात्मक पक्ष को सीमित कर देगी।
दिसंबर 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी, विशेष रूप से फलों और सब्जियों की कीमतें कम होना है।
यह लगातार दूसरा महीना था जब यह आरबीआई के 2 फीसदी से 6 फीसदी के टॉलरेंस लेवेल के भीतर बना रहा।
हालांकि, अर्थशास्त्री चिंतित हैं क्योंकि मूल मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी हुई है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 5.88 प्रतिशत थी। अक्टूबर 2022 में, यह 6.77 प्रतिशत के उच्च बैंड पर थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 4.19 प्रतिशत रही, जो नवंबर 2022 के 4.67 प्रतिशत के स्तर से कम है।
नवंबर 2022 की तुलना में दिसंबर 2022 में फलों और सब्जियों के अलावा तेल और वसा के साथ-साथ मांस और मछली की कीमतों में भी गिरावट आई है।
मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में अपेक्षा से अधिक कम हुई है, जिससे यह आरबीआई की ऊपरी सहनशीलता से नीचे आ गई है।
नरमी मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट को लेकर है, जिसने खाद्य टोकरी के अन्य उत्पाद जैसे अनाज, दूध और मांस की कीमतों में वृद्धि को ऑफसेट करने में मदद की। हालांकि, चिंता की बात यह है कि सेवा क्षेत्र में उच्च मुद्रास्फीति के साक्ष्य के साथ कोर सीपीआई मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
उन्होंने कहा, नीति के नजरिए से, हम मानते हैं कि फरवरी की एमपीसी बैठक में आरबीआई का कदम कोर सीपीआई मुद्रास्फीति के साथ स्थिर रहेगा।
5-7 दिसंबर, 2022 के दौरान आयोजित एमपीसी की बैठक में प्रो. जयंत आर. वर्मा ने रेपो दर को 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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