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चेन्नई। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) ने बुधवार को विधानसभा में थूथुकुडी पुलिस गोलीबारी में मारे गये लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये अतिरिक्त अनुग्रह राशि दिये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह घटना राज्य के लिए धब्बा है। श्री स्टालिन ने बुधवार को यहां सदन में पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार पिछली अन्नाद्रमुक सरकार (AIADMK Govt) के दौरान हुई इस खूनी घटना में शामिल दोषियों को दंडित करेगी। अन्नाद्रमुक विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता ए. के. पलानीस्वामी को समर्थन देने का वादा करते हुए विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए तथा विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु के खिलाफ नवनिर्वाचित आरबी उदयकुमार को उपनेता के रूप में मान्यता नहीं देने के लिए उपवास करने का प्रयास करने के लिए गिरफ्तारी दी। पिछली सरकार की आलोचना के दौरान श्री पन्नीरसेल्वम सदन (Panneerselvam Sadan) में उपनेता की सीट पर बैठे देखे गये। सदन में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसमें शामिल दोषी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह घटना 'तमिलनाडु के इतिहास पर एक बड़ा धब्बा' है जिसे कोई भी भूल या छुपा नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि थूथुकुडी के तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ लोक विभाग द्वारा विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है। और तीन राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के गृह विभाग ने तत्कालीन दक्षिण क्षेत्र पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) तिरुनेलवेली रेंज पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), थूथुकुडी जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी), एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), तीन निरीक्षक, एक उप-निरीक्षक और सात कांस्टेबल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ किसी भी तरह की सुहानभुति नहीं होनी चाहिए। दोषियों को दंड़ित किया जायेगा। उन्होंने 13 पीड़ितों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये के अतिरिक्त मुआवजे दिये जाने घोषणा करते हुए कहा कि पिछले वर्प मई में सत्ता में आने के बाद घटना में शामिल नहीं होने वालों के खिलाफ मामलों की वापसी और नौकरियों के प्रावधान की सूचीबद्ध किया गया है।
श्री स्टालिन ने कहा, "चाहे वह प्रशासन में शामिल अधिकारी हों या कानून और व्यवस्था बनाए रखने में लगे पुलिस, उन्हें केवल सहानुभूतिपूर्ण लोक सेवक होना चाहिए। उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि इसके विपरीत कार्य करना मानवता के विरुद्ध होगा।"
Source : Uni India
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