सुप्रीम कोर्ट की बेंच RSS का पक्ष रखने वाले सीनियर एडवोकेट को देख चौंक गई
दिल्ली: तमिलनाडु में RSS रूट मार्च के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (4 मार्च) को सुनवाई की। इस मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार 6 जिलों में मार्च को इजाजत नहीं दे सकती क्योंकि इन इलाकों में PFI और बम ब्लास्ट का खतरा है। वहीं, दूसरी ओर आरएसएस की ओर से सीनियर एडवोकेट मेनका गुरुस्वामी को कोर्ट में देखकर सुप्रीम कोर्ट की बेंच हैरान रह गयी।
संविधान हमसे हर तरह की मांग करता है- मेनका गुरुस्वामी
तमिलनाडु सरकार द्वारा आरएसएस को राज्य में रूट मार्च करने की अनुमति देने से इनकार के खिलाफ दाखिल याचिका पर सीनियर एडवोकेट मेनका गुरुस्वामी और महेश जेठमलानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष RSS की तरफ से प्रस्तुत हुए।
सुनवाई के अंत में जब जेठमलानी ने अदालत से कहा कि वह गुरुस्वामी के साथ पेश हो रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “मुझे लगा कि आप दूसरे पक्ष की ओर से पेश हो रहे हैं।” जिसके जवाब में मेनका गुरुस्वामी ने मुस्कराते हुए कहा, “मीलॉर्ड संविधान हमसे हर तरह की मांग करता है।”
तमिलनाडु सरकार ने मार्गों की सूची तैयार करने के लिए मांगा समय
वहीं, तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह पांच मार्च को राज्य भर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रस्तावित रूट मार्च और जनसभाओं की अनुमति देने के पूरी तरह खिलाफ नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश के हर गली, नुक्कड़ में आयोजित करने नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार ने मार्च के लिए मार्गों की सूची तैयार करने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का अनुरोध स्वीकार करते हुए जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने सुनवाई 17 मार्च 2023 तक के लिए स्थगित कर दी।
5 मार्च को होने वाला रूट मार्च टालने को सहमत RSS
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा एक लोकतंत्र की भाषा है और एक सत्ता की भाषा है। आप कौन सी भाषा बोलते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां हैं। सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते हुए RSS पांच मार्च को तमिलनाडु में रूट मार्च टालने को सहमत हुआ। वहीं तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा कि वो इस मामले में कोई समाधान निकालेंगे कि किन शर्तों पर रूट मार्च की इजाजत दी जाए। साथ ही वो RSS से रूट मार्च को लेकर बातचीत भी करेंगे। RSS की ओर से महेश जेठमलानी ने कहा कि जिन इलाकों का जिक्र राज्य सरकार कर रही है पहले भी हमने वहां जुलूस निकाला है। साथ ही कहा कि फिलहाल 5 मार्च को होने वाला रूट मार्च नहीं होगा।