आंध्र प्रदेश। पुलिस ने हाल ही में बापटला शहर में चार अलग-अलग स्थानों से 400 किलोग्राम गधे का मांस जब्त किया है। भारत हाल-फिलहाल ये सबसे बड़ी जब्ती मानी जा रही है। पुलिस को मारे गए गधों के सिर, पैर और पूंछ सहित शरीर के अलग-अलग हिस्से मिले हैं। आंध्र प्रदेश पुलिस ने गधे का मांस बेचने के आरोप में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनपर जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (पीसीए) अधिनियम, 1960 के तहत मामला दर्ज किया है। छापेमारी में पुलिस की मदद करने वाले वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंध्र प्रदेश में गधों को मारने की प्रथा कई साल पुरानी है, लेकिन यह पहली बार था जब बूचड़खानों पर छापा मारा गया था। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आंध्र प्रदेश में ही कुछ लोग गधों का मांस क्यों खाते हैं।
आंध्र प्रदेश में गधे का मांस सबसे अधिक मांग वाला व्यंजन दिन-ब-दिन बनते जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां के जिन जिलों में गधे का मांस खाया जाता है, वहां के लोगों का मानना है कि गधे का मांस पीठ दर्द और अस्थमा को ठीक करने के साथ-साथ यौन शक्ति को बढ़ाने का भी काम करता है।
खबरों के मुताबिक आंध्र प्रदेश प्रकाशम, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी और गुंटूर जिलों में गधे का मांस व्यापक रूप से बेचा और खाया जा रहा है। यहां गधे का मांस 600 रुपए किलो बिकता है। कई जगहों पर ये 400 रुपये किलो भी बेचा जाता है। वहां एक के स्थानीय अधिकारी ने कहा, कथित तौर पर एक किलो गधे के मांस की कीमत 600 रुपये है और एक पूर्ण विकसित गधे की कीमत लगभग 15,000 से 20,000 रुपये है।