तमिलनाडू
केंद्रीय वित्त मंत्री पर भड़के तमिलनाडु के मंत्री, बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए ईंधन पर टैक्स में कटौती की घोषणा
Shiddhant Shriwas
24 May 2022 7:31 AM GMT
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एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान त्यागराजन ने कहा, "हमारे पास भारत में किसी भी सरकार के सबसे अच्छे सांख्यिकीय परिणामों में से एक है.
तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन (Tamil Nadu Finance Minister Palanivel Thiagarajan) ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) पर जमकर हमला बोला. केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने के लिए कहा था. जवाब में त्यागराजन ने कहा कि हमसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाले लोगों से आदेश लेने की जरूरत नहीं है.
एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान त्यागराजन ने कहा, "हमारे पास भारत में किसी भी सरकार के सबसे अच्छे सांख्यिकीय परिणामों में से एक है. हम राजस्व घाटे को 60,000 करोड़ रुपये से घटाकर 40,000 करोड़ रुपये के करीब लाए हैं. हमारा राजकोषीय घाटा केंद्र सरकार का आधा है. हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की दोगुनी है और हमारी मुद्रास्फीति केवल 5 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय मुद्रास्फीति 8 फीसद है. हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं. किसी को यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि हमें क्या करना है. हमें ऐसे लोगों से आदेश लेने की जरूरत नहीं है जो हमसे खराब प्रदर्शन करते हैं."
उन्होंने कहा, "जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर तीन गुना और डीजल पर 10 गुना उत्पाद शुल्क बढ़ाया और वह भी शुद्ध उत्पाद शुल्क से उपकर और अधिभार में बदल दिया. उन्होंने राज्यों से परामर्श भी नहीं किया. उन्होंने हमें दिए गए हिस्से में कटौती की. उस वक्त उनके पास कोई संवेदना नहीं थी, कोई विचार नहीं था. उनकी सात-आठ साल से खराब कर नीति है. यह अत्याचार है. यह बेशर्म पाखंड है."
डीएमके नेता की यह उग्र प्रतिक्रिया निर्मला सीतारमण के बयान के दो दिन बाद आई है, जिसमें सीतारमण ने महंगाई के बीच उपभोक्ताओं को बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए ईंधन पर टैक्स में कटौती की घोषणा की है. साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों से इसमें शामिल होने और अपना हिस्सा कम करने के लिए भी कहा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा कि पेट्रोल और डीजल पर नई कर व्यवस्था से सरकार को वार्षिक राजस्व में करीब एक ट्रिलियन रुपये का नुकसान हो सकता है.
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