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चेन्नई, (आईएएनएस)| स्टालिन सरकार ने तमिलनाडु फेडरेशन ऑफ पावर लूम्स एसोसिएशन से 3,000 और पावर लूम की पहचान करने के लिए कहा है, जो साड़ी और धोती बना सके। सरकार पोंगल गिफ्ट हैंपर के हिस्से के रूप में राशन कार्ड के जरिए जनता के बीच साड़ी और धोती बांटेगी। राज्य सरकार ने 225 पावर लूम बुनकर सहकारी समितियों को 99,56,883 धोती और 1,26,19,004 साड़ियों के ऑर्डर पहले ही दे दिए हैं। राज्य सरकार के मेगा ऑर्डर को क्रियान्वित करने के लिए 17,455 पावर लूम इन धोती और साड़ियों के उत्पादन में लगे हुए हैं।
टी.पी. हथकरघा आयुक्त राजेश ने फेडरेशन को लिखे पत्र में संघ को 3,000 और पावर लूम की पहचान करने और समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया है। फेडरेशन को पावर लूम की पहचान करने और इरोड, तिरुचेंगोडे, कोयम्बटूर और तिरुपुर जिलों में हथकरघा के संबंधित सहायक निदेशकों को करघे की सूची और संपर्क फोन नंबर और अन्य संपर्क विवरण भेजने का निर्देश दिया गया है।
सरकार ने जब पोंगल गिफ्ट हैम्पर्स के लिए बनी धोती और साड़ियों के उत्पादन के आदेश देने में देरी की तो हर तरफ से आलोचना हुई। जबकि आम तौर पर सरकार मई या जून में इसका आदेश देती है। इस साल इसमें अक्टूबर के पहले सप्ताह तक की देरी हुई और इस कारण परियोजना को क्रियान्वित करने में देरी हुई।
हथकरघा विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि साड़ियों का सिर्फ 60 से 70 फीसदी उत्पादन पूरा हुआ है, जबकि धोती का 45 से 50 फीसदी ही उत्पादन हुआ है। रविवार को पोंगल के साथ लगभग आधे पात्र सरकार से मुफ्त धोती प्राप्त नहीं कर पाएंगे और 30 प्रतिशत महिलाओं को त्योहार के दौरान साड़ी नहीं मिलेगी। इसका मतलब यह होगा कि धोती और साड़ियों के ऑर्डर को पूरा करने में कम से कम 30 दिन और लग सकते हैं।
देखना होगा कि क्या कोई पावरलूम सहकारी समिति इस अंतिम समय में सरकार के आदेश को क्रियान्वित करने के लिए आगे आएगी।
--आईएएनएस
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