x
चेन्नई (आईएएनएस)| तमिलनाडु के जल कार्य मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता एस. दुरईमुरुगन ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार कावेरी-वैगई-गुंडर नदी जोड़ने की परियोजना की रफ्तार धीमी नहीं कर रही है। दुरईमुरुगन ने विधानसभा में कहा कि सरकार उत्सुक है कि परियोजना तेजी से पूरी हो।
विपक्षी अन्नाद्रमुक ने सदन को बताया था कि द्रमुक के सत्ता में आने के बाद से परियोजना की गति धीमी हो गई है। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि पिछले दो वर्षो में परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और नहरों की खुदाई की गति तेज हुई है।
मंत्री ने कहा कि 2020 में तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन केवल 34.31 करोड़ रुपये खर्च किए गए और परियोजना के लिए 71.6 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया और शेष राशि उसी वर्ष सरकारी खजाने में वापस कर दी गई।
दुरईमुरुगन ने अपने भाषण में कहा कि द्रमुक सरकार ने पिछले दो वर्षो में 312 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 698.97 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार ने वित्तवर्ष के अंत तक राशि सरकारी खजाने में वापस करने के बजाय भूमि अधिग्रहण की दिशा में आगे उपयोग के लिए बचे धन को जमा रखने का प्रावधान किया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि 2023-24 के लिए द्रमुक सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए 554.17 करोड़ रुपये और आवंटन किया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान 2020-21 में नहर की कोई खुदाई नहीं हुई थी। द्रमुक शासन के दौरान पिछले दो वर्षो में 177.9 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और लक्षित कार्य का 64 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि वित्तवर्ष 2023-24 में नहर की खुदाई के लिए 111.52 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
सदन में उस समय हंगामा हुआ, जब अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री सी. विजयभास्कर ने कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी थे, जिन्होंने परियोजना के लिए धन आवंटित किया था, जिसके बाद काम शुरू किया गया था।
दुरईमुरुगन ने विजयभास्कर का यह कहकर विरोध किया कि द्रमुक सरकार ने 2009 में सत्ता में रहने के दौरान परियोजना के लिए मयानूर में बैराज का निर्माण शुरू किया था।
--आईएएनएस
Next Story