तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में अनुसूचित जाति समुदाय के 12वीं कक्षा के एक छात्र पर कथित पुरानी रंजिश को लेकर उसके सहपाठियों द्वारा हमला किये जाने के बाद मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने युवाओं के दिमाग में पनप रहे ‘जातिवाद के जहर’ पर चिंता व्यक्त की। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव और विपक्ष के नेता के. पलानीस्वामी ने घटना पर चिंता व्यक्त की और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए इस मामले पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर हमला बोला। पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि जब भी ‘जनविरोधी’ द्रमुक सत्ता में रही, जातिगत संघर्ष नियमित रूप से होते रहे।
पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने नंगुनेरी इलाके में छात्र के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की। पुलिस ने कहा कि इस घटना में पीड़ित छात्र की बहन भी घायल हो गयी। पुलिस के मुताबिक, यह घटना पीड़ित छात्र और हमलावरों के बीच कुछ समय पहले हुई हाथापाई का नतीजा है। पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में छह नाबालिगों को पकड़ा गया है तथा उन सभी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि वह पीड़ित छात्र एवं उसकी बहन के चिकित्सा उपचार और शिक्षा से संबंधित खर्च की जिम्मेदारी लेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि यह घटना झकझोर देने वाली है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, यह घटना दर्शाता है कि युवा छात्रों में जातिवाद का जहर कितना भर गया है।
जातिवाद के कारण ऐसी हिंसा देखना असहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में कानून के दायरे में कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्होंने स्कूल और कॉलेज छात्रों के बीच जातिवाद से मुक्त माहौल सुनिश्चित करने के लिए तरीके ढूढ़ने के लिए सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति के चंद्रू की एक सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के एक रिश्तेदार के परिवार को तीन लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की, जिनकी हमले को देखने से पहुंचे सदमे के कारण दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।