तमिलनाडू

तमिलनाडु : प्राचीन मूर्तियों को केंद्र ने तमिलनाडु सरकार को सौंपा

Shiddhant Shriwas
2 Jun 2022 11:06 AM GMT
तमिलनाडु : प्राचीन मूर्तियों को केंद्र ने तमिलनाडु सरकार को सौंपा
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केन्द्र सरकार ने तमिलनाडु के मंदिरों से चोरी की गई 10 मूर्तियों को तमिलनाडु सरकार को वापस सौंप दिया है।

केन्द्र सरकार ने तमिलनाडु के मंदिरों से चोरी की गई 10 मूर्तियों को तमिलनाडु सरकार को वापस सौंप दिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को ये मूर्तियां अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने 2020, 2021, 2022 में सौंपी थी। ये मूर्तियां 1960 से 2008 के बीच अलग-अलग जगहों से चोरी की गई थी। इन मूर्तियों को तमिलनाडु के डीजीपी सी शैलेंद्र बाबू को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सौंपा गया।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आईजीएनसीए में आयोजित मूर्ति हस्तांतरण कार्यक्रम में कहा कि हम तमिलनाडु सरकार को आस्ट्रेलिया व संयुक्त राज्य अमरीका से लाई गईं 10 पुरावशेषों को वापस दे रहे हैं, जोकि तमिलनाडु की संपत्तियां हैं और चोरी कर बाहर ले जाई गईं थीं। इस दौरान संस्कृति और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी एवं सूचना प्रसांरण राज्यमंत्री डॉ. एल मुरूगन, एएसआई महानिदेशक वी. विद्यावती व संस्कृति सचिव गोविंद मोहन भी मौजूद रहे।

कुल मिलाकर 8 धातु की मूर्तियां और 2 पत्थरकी मूर्तिया वापस भारत आई। जिसमे से 6 मूर्तियों को अमेरिका से और 4 को ऑस्ट्रेलिया से वापस लाया गया है। इन तमाम मूर्तियों को एएसआई ने वापस भारत लाने में सफलता हासिल की है। चार हाथों वाली विष्णु और श्री देवी की मूर्ति को भी एएसआई वापस लाने में सफल हुई है।

जो मूर्तियां वापस की गई हैं उसमे द्वारपाल की दो मूर्ति है जोकि 15-16वीं शताब्दी की है, इसे 1994 में तिरुनेलवली से चुराया गया था। दोनों ही मूर्तियों को ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2020 में सौंपा था। इसके अलावा दो धातु की मुर्तियां नरसिंघधर स्वामी मंदिर से 1985 में चोरी हुई थी, इसे अमेरिका ने भारत को सौंपा है।

एक कांसे की मूर्ति जोकि भगवान नटराज की है, यह 11-12वीं शताब्दी की मूर्ति है, इसे पुन्नैनल्लूर अरुलमिगु मरियमन मंदिर से 1966-77 में चोरी किया गया था। यह न्यूयॉर्क के म्युजियम में रखी थी। इसके अलावा कांसे की एक और भगवान शिव व पार्वती की मूर्ति वनमिगंधार स्वामी मंदिर से चोरी हुई थी, यह मूर्ति इंडियाना से मिली है।

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