तमिलनाडू

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारिवलन की रिहाई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पर फैसला आज

Renuka Sahu
18 May 2022 2:37 AM GMT
Supreme Court to decide today on the release petition of Rajiv Gandhi assassination convict Perarivalan
x

फाइल फोटो 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्‍या हुई थी और 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था. हत्‍याकांड में बम धमाके के लिए उपयोग में आई दो 9 वोल्‍ट की बैटरी खरीद कर मास्‍टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष पेरारिवलन पर सिद्ध हुआ था. पेरारिवलन घटना के समय 19 साल का था और वह पिछले 31 सालों से सलाखों के पीछे है.

अगर फैसला पेरारिवलन पक्ष में आता है तो नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग जाएगी. गौरतलब है कि पेरारिवलन को 1998 में टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा, लेकिन 2014 में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया. इस साल मार्च में उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन को जमानत दे दी थी. इसके तुरंत बाद, उसने जेल से जल्द रिहाई की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा था कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है, जिन्होंने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है.
SC ने केंद्र से पूछा था सवाल
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में देरी और राज्यपाल की कार्रवाई पर सवाल उठाया था. अदालत ने देखा था कि राज्यपाल सभी 7 दोषियों को रिहा करने के मामले में कैबिनेट के फैसले से बंधे हुए हैं, जबकि राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषियों को रिहा क्यों नहीं किया जा सकता?
जयललिता ने की थी रिहाई की सिफारिश
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था. सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया. 2016 और 2018 में जे. जयललिता और ए. के. पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी. मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपतिके पास भेज दिया. लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
Next Story