तमिलनाडू

तमिलनाडु में कभी दूसरी सबसे ताकतवर महिला थीं शशिकला, तेजी से बढ़ा था राजनीतिक ग्राफ

Kunti Dhruw
29 Oct 2021 2:26 PM GMT
तमिलनाडु में कभी दूसरी सबसे ताकतवर महिला थीं शशिकला, तेजी से बढ़ा था राजनीतिक ग्राफ
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विवेकानंदन कृष्‍णावेणी शशिकला तमिलनाडु की राजनीति का एक वो अध्‍याय है

नई दिल्‍ली । विवेकानंदन कृष्‍णावेणी शशिकला तमिलनाडु की राजनीति का एक वो अध्‍याय है जो भले ही आज बंद हो गया है लेकिन एक समय था जब शशिकला नटराजन राज्‍य में जयललिता के बाद दूसरे नंबर की सबसे ताकतवर नेता हुआ करती थीं। आज शशिकला आल इंडिया अन्‍ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम भले ही (AIADMK) की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं। हालांकि आज पार्टी और उनकी राजनीतिक ताकत पहले जैसी नहीं रही है।

जयललिता के निधन के बाद पार्टी की जनरल काउंसिल ने शशिकला को पार्टी प्रमुख के तौर पर चुना था। इसके बाद उन्‍हें जब कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा हुई और उन्‍हें जेल जाना पड़ा तो शशिकला ने अपने करीबी इडापडी पलानीसामी को तमिलनाडु की कमान सौंप दी थी। लेकिन बाद में पलानीसामी और उनके मंत्रियों ने मिलकर शशिकला को ही पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद उन्‍होंने इस निष्‍कासन के खिलाफ कानूनी जंग भी लड़ी। इस मामले में अब तक सुनवाई हो रही है। जयललिता जनवरी 2021 में जेल से बाहर आई थीं। बाहर आने के बाद उन्‍होंने राजनीति में वापस आने का संकेत दिया था। लेकिन मार्च में उन्‍होंने राजनीति से बाहर रहने की घोषणा की थी। मार्च 2018 में उन्‍होंने अम्‍मा मक्‍कल मुनेत्र कझगम के नाम से अपनी एक अलग पार्टी भी बनाई थी। जयललिता के रहते शशिकला न केवल राज्‍य की दूसरी ताकतवर महिला थीं बल्कि जयललिता की मजबूत रीढ़ की हड्डी भी थीं। जेल से बाहर आने के बाद शशिकला राजनीति की दूसरी पारी खेलने की कोशिश में लगी हैं। उनके राजनीति जीवन का ग्राफ बेहद तेजी से ऊपर गया तो बड़ी ही तेजी से नीचे भी गिरा। शशिकला के पति तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशन आफिसर थे और इस वजह से वो राज्‍य के कई कलेक्‍टर्स के काफी करीब थे। इसी वजह से वो राज्‍य के मुख्‍यमंत्री एमजी रामाचंद्रन और फिर जयललिता के करीबी आई थीं।
आपको शायद अजीब लगे लेकिन ये एक सच्‍चाई है कि कभी शशिकला एक वीडियो रेंट और रिकार्डिंग दुकान चलाती थीं। वो शादियों की वीडियो रिकार्डिंग भी किया करती थीं। शशिकला और जयललिता की मुलाकात भी ऐसी की एक पार्टी रिकार्डिंग में हुई थी। धीरे-धीरे शशिकला जयललिता के इतने करीब आ गईं कि उनके ही घर पर रहने लगी थीं। शशिकला उन्‍हें मां और जयललिता उन्‍हें छोटी बहन का दर्जा देती थीं। पार्टी में उनके बड़े कद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सभी राजनीतिक फैसलों में उनकी अहम भूमिका होती थी।
शशिकला पर वर्ष 2011 में जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश करने का भी गंभीर आरोप लगा था। आरोप ये भी था कि शशिकला की नजरें सीएम की कुर्सी पर हैं। इसके बाद उन्‍हें और उनके कुछ रिश्‍तेदारों को पार्टी से बाहर कर दिया गया। हालांकि बाद में शशिकला के माफी मांग लेने के बाद उन्‍हें पार्टी में वापस ले लिया था।
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