चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एमके स्टालिन को रविवार को यहां हुई पार्टी की आम परिषद की बैठक में आम सहमति से द्रमुक अध्यक्ष चुना गया.
पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अपने संबोधन में स्टालिन ने द्रमुक पदाधिकारियों से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण ताकत बनने का संकल्प लेने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि पार्टी को तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों और पड़ोस में स्थित केंद्र शासित प्रदेश की एकमात्र पुडुचेरी सीट पर जीत दर्ज करना होगा.
नवगठित आम परिषद की बैठक में स्टालिन को पार्टी के शीर्ष पद के लिए दूसरी बार निर्विरोध चुना गया है.
उन्होंने भरोसा जताया कि द्रमुक राज्य में सभी 40 लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी. स्टालिन ने पार्टी पदाधिकारियों से बूथ समिति गठित करने और दो महीने में इसे पूरा करने को कहा.
स्टालिन ने अन्नाद्रमुक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपमानजनक दुष्प्रचार के जरिये तमिलनाडु में द्रमुक के खिलाफ राजनीति करने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह जानती है कि सामन्य तरीके से मुकाबला नहीं कर सकती.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं को भड़का कर राजनीति करने की कोशिश कर रही है.
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु की जनता राजनीति और आध्यात्म को कभी नहीं मिलाती, इसलिए भाजपा घुटन महसूस कर रही है.
द्रमुक अध्यक्ष ने दावा किया कि अन्नाद्रमुक के भीतर फूट है और इसलिए राष्ट्रीय पार्टी (भाजपा) उसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने दावा किया कि 'यह नहीं भूलना चाहिए कि अगला लोकसभा चुनाव चुनाव जीतने के लिए भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है.'
पार्टी के वरिष्ठ नेता दुरईमुरुगन और टीआर बालू को निर्विरोध रूप से क्रमश: महासचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया. तीनों नेता दूसरी बार अपने पदों पर निर्वाचित हुए हैं.
मुख्यमंत्री स्टालिन का यहां आम परिषद के बैठक स्थल पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
द्रमुक के 15वें संगठनात्मक चुनाव के तौर पर पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष राज्य में विभिन्न स्तरों पर पार्टी के पदों के चुनाव के बाद निर्वाचित हुए हैं.
दिवंगत एम. करुणानिधि के छोटे बेटे 69 वर्षीय स्टालिन द्रमुक के कोषाध्यक्ष और युवा इकाई के सचिव समेत पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं.
स्टालिन को करुणानिधि के निधन के बाद 2018 में पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. स्टालिन द्रमुक के दूसरे अध्यक्ष हैं.
करुणानिधि 1969 में द्रमुक के पहले अध्यक्ष बने और तब पहली बार पार्टी में अध्यक्ष पद बनाया गया था. द्रविड़ आंदोलन के प्रतीक और द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई 1969 में अपने निधन तक पार्टी में महासचिव पद पर रहे थे. द्रमुक की स्थापना 1949 में हुई थी.