तमिलनाडू

मद्रास हाईकोर्ट का पुजारियों की नियुक्ति में जाति मानदंड को लेकर एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक से इनकार

Rani Sahu
28 July 2023 2:07 PM GMT
मद्रास हाईकोर्ट का पुजारियों की नियुक्ति में जाति मानदंड को लेकर एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक से इनकार
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चेन्नई (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपने एकल पीठ के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया था अर्चकों (मंदिर के पुजारियों) की नियुक्ति में जाति की कोई भूमिका नहीं होगी। एकल न्यायाधीश की पीठ ने 26 जून के अपने फैसले में कहा था कि आगम शास्त्र के अनुसार पूजा और अन्य अनुष्ठान करने के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित किसी भी व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।
एक चुनौती पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति पी.डी. ऑडिकेसवालु की खंडपीठ ने राज्य हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग की ओर से महाधिवक्ता आर. शनमुगसुंदरम और विशेष सरकारी वकील अरुण नटराजन को नोटिस जारी किया और मामले को 22 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
न्यायाधीशों ने अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसकी मांग सेलम के अपीलकर्ता मुथु सुब्रमण्यम गुरुक्कल ने की थी। उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को जवाब दाखिल करने का अवसर दिए बिना ऐसी राहत नहीं दी जा सकती।
अपीलकर्ता ने स्थगन के लिए अपनी याचिका में कहा था कि न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश की एकल न्यायाधीश पीठ ने परम पावन श्रीमद पेरारुलाला एथिराजा रामानुज जीयर स्वामी बनाम तमिलनाडु राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसलों को पूरी तरह से गलत समझा था।
उन्होंने यह भी कहा कि एकल न्यायाधीश का फैसला "प्रथम दृष्टया गलत, कानून की दृष्टि में न टिक सकने लायक और पलटने योग्य" था।
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