तमिलनाडू

मद्रास हाईकोर्ट का आदेश, बोले- स्‍पा में CCTV लगाना न‍िजता का उल्‍लंघन, अनुमत‍ि नहीं दी जा सकती

Kunti Dhruw
5 Jan 2022 6:51 AM GMT
मद्रास हाईकोर्ट का आदेश, बोले- स्‍पा में CCTV लगाना न‍िजता का उल्‍लंघन, अनुमत‍ि नहीं दी जा सकती
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मद्रास हाईकोर्ट (Madras high court) की मदुरै बेंच ने मंगलवार को स्‍पा में सीसीटीवी (CCTV) लगाने पर आपत्‍ति जताई है.

मद्रास हाईकोर्ट (Madras high court) की मदुरै बेंच ने मंगलवार को स्‍पा में सीसीटीवी (CCTV) लगाने पर आपत्‍ति जताई है. कोर्ट ने कहा है कि इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना किसी व्यक्ति की शारीरिक निजता का उल्लंघन है. कोर्ट ने यहां 2020 में एक अन्‍य जज की तरफ से जारी किए गए आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का उल्लंघन बताया. इसमें निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में परिभाषित किया गया था.

मंगलवार को जस्टिस स्वामीनाथन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि स्पा जैसे जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना निर्विवाद रूप से किसी व्यक्ति की शारीरिक स्वायत्तता पर प्रभाव डालता है. उन्‍होंने अपने आदेश में कहा, 'ये उल्लंघन नहीं करने वाले स्थान हैं, जहां राज्य की तांक-झांक करने वाली आंखों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती.' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि अनुच्छेद 21 में गारंटी के रूप में गोपनीयता के अलग-अलग रूप हैं. इसमें शारीरिक स्वायत्तता का अधिकार, सूचना से जुड़ी गोपनीयता का अधिकार और विकल्‍प की निजता का अध‍िकार शामिल है.
पायल बिस्‍वास की याचिका से जुड़ा है मामला
मदुरै पीठ के सामने पहुंचा यह मामला तमिलनाडु के त्रिची जिले में 'क्वीन आयुर्वेदिक क्रॉस स्पा सेंटर' नाम से एक स्पा चलाने वाली याचिकाकर्ता पायल विश्वास से संबंधित है. 2018 में एक गजट अधिसूचना के बाद, स्पा चलाने वालों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी कर दिया गया था. उन्‍होंने बाद में इस तरह के लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया था. चूंकि उनके अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसलिए उन्होंने एक रिट याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने त्रिची पुलिस को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने के आदेश देने की मांग की. वह यह भी चाहती थीं कि अदालत के न्यायाधीशों द्वारा दिए गए अन्य आदेशों के आधार पर अदालत पुलिस को स्पा चलाने में दखल देने से रोके.
कोर्ट ने खारिज की याचिका
बता दें कि एक ऐसा ही केस कोर्ट के सामने हाल ही में आया. इसमें एक याचिका को लेकर सुनवाई हुई. इसमें कहा गया कि कोर्ट तमिलनाडु के डीजीपी को आदेश दे कि वह यह सुनिश्चित करें कि सभी स्पा और मसाज सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगे हों. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीपी गिरिजा नाम की महिला की याचिका को खारिज कर दिया, जो एक आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र चलाती हैं. उन्होंने चेन्नई पुलिस पर उनके व्यावसायिक गतिविधियों में दखल देने का आरोप लगाया था. साथ ही याचिका के जरिए उसे रोकने की मांग की थी.
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