चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है, जिसमें भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को भाजपा के चुनाव चिह्न 'कमल' को भारत का राष्ट्रीय फूल बताते हुए रद्द करने का आदेश देने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की प्रथम पीठ ने बुधवार को आदेश पारित किया।
यह याचिका नामक्कल जिले में स्थित अहिंसा सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष 'गांधियावती' टी रमेश द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने कहा कि कमल देश का राष्ट्रीय फूल है और इसे चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित नहीं किया जा सकता है और ऐसा आवंटन "राष्ट्रीय अखंडता का अपमान है"।
उन्होंने कहा था कि भाजपा को कमल का फूल आवंटित करना अन्य पार्टियों के साथ भेदभाव है, जो घोर अन्याय है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से 27 सितंबर, 2023 को प्रस्तुत उसके अभ्यावेदन पर विचार करके चुनाव आयोग को प्रतीक चिन्ह रद्द करने का निर्देश जारी करने की मांग की।
याचिकाकर्ता की प्रामाणिकता की जांच करने की पूर्व शर्त के रूप में, पीठ ने उनसे उच्च न्यायालय के खाते में 20,000 रुपये जमा करने को कहा और उन्होंने ऐसा किया।
आदेश सुनाने के बाद, याचिकाकर्ता ने जमा राशि में से 10,000 रुपये टीएन लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को दान कर दिए। कोर्ट ने शेष रकम याचिकाकर्ता को लौटाने का आदेश दिया।