लोअर भवानी परियोजना (एलबीपी) नहर से लाभान्वित किसानों के एक वर्ग ने बुधवार को पेरुंदुरई के पास वैकलमेडु में एलबीपी नहर के आधुनिकीकरण के लिए शासनादेश में बदलाव की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। किसान यह कहते हुए नहर को पक्का करने का विरोध कर रहे हैं कि इससे भूजल पुनर्भरण प्रभावित होगा और इसलिए भी क्योंकि कई सैकड़ों पेड़ों को किनारों से हटाना होगा।
लोअर भवानी सिंचाई संरक्षण आंदोलन के आयोजक एम रवि ने कहा, 'ज्यादातर किसान चाहते हैं कि पुराने ढांचों का ही आधुनिकीकरण किया जाए। लेकिन सरकार ने इस राय को मानने से इंकार कर दिया।' तमिलनाडु स्मॉल एंड माइक्रो फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केआर सुधनथिररासु ने कहा, 'जिला कलेक्टर ने इस मुद्दे पर बुधवार को हमारे साथ बैठक की। लेकिन हम सरकार के फैसले से सहमत नहीं थे। इरोड, तिरुपुर और करूर जिलों के 250 से अधिक किसानों ने पहले दिन विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। गुरुवार को और किसान हमारे साथ जुड़ेंगे।
डब्ल्यूआरडी के अधिकारियों ने कहा, “कलेक्टर ने किसानों से कहा कि उनके विचारों से सरकार को अवगत कराया जाएगा। लेकिन वे आश्वासन मानने को तैयार नहीं हैं और धरना जारी रखे हुए हैं। मामले पर उच्च अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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