तमिलनाडू
स्कूलों में मोबाइल फोन ले जाना छात्रों के लिए मना, टीचर्स के साथ दुर्व्यवहार पर सख्त कार्रवाई
Deepa Sahu
9 May 2022 5:57 PM GMT
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तमिलनाडु: स्कूल में छात्रों द्वारा मोबाइल फोन (Mobile Phones) के इस्तेमाल को लेकर तमिलनाडु की सरकार (Tamil Nadu Government) ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. अब छात्र (Students) स्कूल परिसर के अंदर मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे. लेकिन अगर वो ऐसा करने का प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ स्कूल प्रशासन (School) सख्त कार्रवाई करेगा. इसकी जानकारी तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश (Education Minister Anbil Mahesh) ने राज्य विधानसभा में दी है.
शिक्षा मंत्री ने विधानसभा (Tamil Nadu Assembly) में कहा, 'छात्रों को स्कूल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर छात्र किसी भी हिंसा में शामिल होते हैं या लिप्त पाए जाते हैं, तो उन्हें टीसी और आचरण प्रमाण पत्र (Conduct Certificate) सौंप दिया जाएगा, जिसमें साफतौर पर छात्र के आचरण के बारे में मेंशन किया जाएगा और कारण बताया जाएगा कि टीसी क्यों दी जा रही है. यही नहीं, छात्रों को उस स्कूल से स्थायी रूप से निकाल दिया जाएगा, जिसके बाद वो उस स्कूल में दोबारा नहीं जा सकेंगे.
Students will not be allowed to take mobile phones inside school premises. If students indulge in violence, they will be given TC & conduct certificate where reason will be stated & they will be removed permanently from school: Tamil Nadu Education Min Anbil Mahesh in TN Assembly
— ANI (@ANI) May 9, 2022
छात्रों के दुर्व्यवहार में हुई वृद्धि
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में शिक्षकों के साथ छात्रों के दुर्व्यवहार में काफी वृद्धि हुई है. शिक्षकों के साथ असम्मानजनक व्यवहार किया जा रहा है और उनपर हमला बोला जा रहा है. शिक्षकों को मारने के लिए छात्रों का हाथ उठाना, उनको गालियां देना, सड़कों पर मारपीट की घटनाओं को अंजाम देना, सार्वजनिक स्थानों पर बीयर पीना, क्लास में डेस्क तोड़ना आदि से संबंधित कई वीडियो हाल ही में सामने आए हैं. इसी को देखते हुए तमिलनाडु सरकार को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है.
छात्रों को ब्रेकफास्ट देने का ऐलान
वहीं, बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सरकारी स्कूलों में छात्रों को ब्रेकफास्ट देने का ऐलान किया है. डीएमके सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर सीएम स्टालिन ने शनिवार को यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य में कक्षा 1-5वीं तक के बच्चों को स्कूल में नाश्ता दिया जाएगा. स्टालिन ने बयान में कहा था, 'एक सरकारी अध्ययन में सामने आया है कि कई बच्चे अलग-अलग कारणों से सुबह का नाश्ता नहीं कर पाते है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इसी को देखते हुए यह योजना लागू की गई है.' अभी ये योजना चुनिंदा स्कूलों जैसे- निगमों, नगर पालिकाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई है. हालांकि बाद में इसे राज्यभर में लागू करने पर विचार किया जाएगा.
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