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चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक (AIADMK) में नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान से जुड़े मामले की अंतिम सुनवाई के लिए ओ पनीरसेल्वम की ओर से दायर याचिकाओं पर कोई अंतरिम संरक्षण देने से सोमवार को इनकार कर दिया और सुनवाई को 20 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेताओं ओ पन्नीरसेल्वम, पी.एच. मनोज पांडियन, आर वैथिलिंगम (सभी विधायक) और जे.सी.डी. प्रभाकरन की ओर से याचिका दायर की गयी थी। इन सभी ने 11 जुलाई- 2022 को आम परिषद की बैठक में अपनाए गए प्रस्तावों और उसके बाद महासचिव पद के लिए हुए चुनावों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को एकल न्यायाधीश की ओर से खारिज किए जाने के बाद अपील की थी।
पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगियों द्वारा 28 मार्च को दायर अंतरिम आवेदनों को खारिज करने से अन्नाद्रमुक के शीर्ष अधिकारियों के लिए अंतरिम महासचिव ई. के. पलानीस्वामी को पार्टी का पूर्णकालिक महासचिव घोषित करने के लिए बाधाएँ दूर हो गईं। थोड़ी देर बाद पन्नीरसेल्वम ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए अदालत की एक खंडपीठ का रुख किया और मनोज पांडियन, वैथिलिंगम और प्रभाकरन ने भी अलग-अलग याचिकाएं दायर किया।
इक्कतीस मार्च को अंतिम सुनवाई के दौरान न्यायाधीश आर महादेवन और न्यायाधीश मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने पक्षकारों को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और यह कहते हुए मामले को आज (03 अप्रैल) तक के लिए स्थगित कर दिया कि कोई अंतरिम राहत दी जानी चाहिए या नहीं इस बारे में आज फैसला नहीं होगा।
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