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चेन्नई, (आईएएनएस)| ईस्ट इरोड विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर गुटबाजी छिड़ गई है। कांग्रेस विधायक ई. थिरुमहान एवरा के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में उनके परिवार के सदस्यों की उम्मीदवारी का कड़ा विरोध हो रहा है। दिवंगत विधायक के पिता ई.वी.के.एस. एलंगोवन पूर्व केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थे। परिवार की इच्छा है कि एलंगोवन खुद या दिवंगत विधायक के भाई संजय संपत इस सीट से चुनाव लड़ें। यह सीट उनके परिवार का गढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि एलंगोवन की दिवंगत द्रविड़ विचारक ईवी रामासामी पेरियार या थंथई पेरियार के साथ निकटता थी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के.एस. अलागिरी व अन्य कई एक स्थानीय नेता की उम्मीदवारी के पक्ष में हैंर्।ी नेताओं की उम्मीदवारी पर विचार करना चाहिए जो कांग्रेस की जमीनी ताकत रहे हैं। ये नेता कांग्रेस के इरोड जिला सचिव मक्कल राजन को समर्थन देने के पक्ष में हैं।
मक्कल राजन एक जमीनी नेता हैं और कांग्रेस ने निर्वाचन क्षेत्र में किए गए सभी संघर्षो में हमेशा सबसे आगे रहे हैं।
इलंगोवन जहां कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता हैं, वहीं विरोधी गुट 2019 के लोकसभा चुनाव में थेनी लोकसभा सीट पर ओ. पन्नीरसेल्वम के बेटे ओ.पी. रवींद्रनाथ से उनकी हार का जिक्र कर रहा है। गौरतलब है कि यह एकमात्र सीट थी, जिसमें डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में हार गया था। 2019 के आम चुनावों में 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जीत हासिल की थी।
एलंगोवन के खिलाफ काम करने वाला एक अन्य कारक यह तथ्य है कि टीएनसीसी अध्यक्ष के.एस. अलागिरी उनके घोर विरोधी हैं। अलागिरी का मानना है कि थूथुकुडी जिला ब्लॉक समितियों में पार्टी पोस्टिंग पर विवाद के बाद कांग्रेस राज्य मुख्यालय, सत्यमूर्ति भवन पर हालिया हमले के पीछे एलंगोवन और उनके समर्थक थे।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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