तमिलनाडू

सीएम एमके स्टालिन ने नई शिक्षा नीति 2020 का किया विरोध, कहा- 'अपनी खुद की नीति बनाएंगे'

Deepa Sahu
28 Oct 2021 5:56 PM GMT
सीएम एमके स्टालिन ने नई शिक्षा नीति 2020 का किया विरोध, कहा- अपनी खुद की नीति बनाएंगे
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तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा है कि राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नहीं लागू की जाएगी।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा है कि राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नहीं लागू की जाएगी। सीएम स्टालिन ने यह बयान राज्य में इल्लम थेडी काल्वी (शिक्षा आपके द्वार) योजना को लागू करते हुए कही। सीएम स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार एक राज्यस्तरीय कमेटी का गठन करेगी, यह कमेटी राज्य के लिए अलग से खुद की शिक्षा नीति तैयार करेगी।

तमिलनाडु में साल 2020 से ही लगातार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध जारी है। शिक्षा नीति 2020 में तीन भाषा का प्रावधान होना इसकी मुख्य वजह बताई जाती है। तमिलनाड़ु सरकार राज्य में दो भाषा (तमिल और अंग्रेजी) की नीति लेकर चलना चाहती है। राज्य के तत्कालीन सीएम पलानीसामी ने भी इस नीति का विरोध किया था।
दरअसल केंद्र सरकार ने साल 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) को मंजूरी दी थी। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया था। इस नीति में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक ही नियामक रखने और एमफिल को खत्म करने का फैसला किया गया था। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंच (NETF) बनाने की भी योजना तैयार की गई थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 1986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था। लगभग 34 साल बाद 2020 में इसमें कई अहम व महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।

जानिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में कुछ अहम बिंदुओं के जरिए

1. मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय
2. स्कूलों के लिए 10+2 की जगह 5+3+3+4 फॉर्मूला
3. शिक्षा पर सरकारी खर्च 4.43% से बढ़ाकर जीडीपी का 6 % का लक्ष्य है।
4. ग्रेजुएशन में 3-4 साल की डिग्री व एमफिल की अनिवार्यता खत्म
5. छठी कक्षा से ही छात्रों को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा
6. दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को बनाया गया आसान
7. पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई
8. UGC, NCTE और AICTE की जगह एक नियामक बॉडी
9. उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम
10. 2030 तक हर जिले में एक उच्च शिक्षण संस्थान
11. ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर
12. विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति
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