
चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने दुनिया भर के देशों की चिंताएं बढ़ा दी है। ऐसे में अमेरिका ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 की जांच अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि चीन द्वारा जीरो-कोविड नीतियों को हटाने के फैसले के बाद भारत, इटली, जापान और ताइवान के साथ मिलकर नए कदम उठाए जा रहे हैं।
दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दिखानी होगी नेगेटिव रिपोर्ट
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 5 जनवरी से 2 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी हवाई यात्रियों को चीन, हांगकांग या मकाओ से प्रस्थान करने से दो दिन पहले कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि जो यात्री उड़ान से 10 दिन पहले पॉजिटिव पाए जाते हैं, वह कोरोना से रिकवरी के दस्तावेज पेश कर सकते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने जताई चिंता
उन्होंने SARS-CoV-2 वायरस के वेरिएंट के बारे में जानकारी की कमी और चीन में COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या का कारण वायरस का नया वैरिएंट बताया है। अमेरिकी अधिकारियों ने चिंता जताई कि चीन में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप वायरस के नए प्रकार विकसित हो सकते हैं।
कोविड को रोकने के लिए अमेरिका ने उठाए कदम
बता दें कि अमेरिका हवाई अड्डों पर अपने स्वैच्छिक जीनोमिक अनुक्रमण कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है, जिसमें सिएटल और लॉस एंजिल्स को कार्यक्रम में जोड़ा गया है। इससे सकारात्मक परीक्षणों से सूचना एकत्र करने वाले हवाई अड्डों की कुल संख्या सात तक पहुंच गई है। उल्लेखनीय है चीन में कोविड नीति में अचानक बदलाव के बाद देश में तेजी से मामले बढ़े हैं। जिसके बाद दुनिया भर में कोविड को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
चीन में तेजी से बढ़े हैं कोरोना के मामले
कुछ अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, चीन के खिलाफ व्यापक विरोध के बाद प्रतिबंधों को हटाने का मतलब है कि COVID-19 बड़े पैमाने पर अनियंत्रित रूप से फैल रहा है और लाखों लोगों को संक्रमित कर रहा है। बीजिंग को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा है कि उसका आधिकारिक कोविड डेटा और उसकी मौतों का आंकड़ा इसके प्रकोप के पैमाने के साथ बेमेल है।