तमिलनाडू

केंद्र ने मद्रास हाईकोर्ट में 5 न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित किया

Admin Delhi 1
13 Sep 2023 5:03 AM GMT
केंद्र ने मद्रास हाईकोर्ट में 5 न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित किया
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तमिलनाडु: केंद्र ने मंगलवार को सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 31 अगस्त को की गई सिफारिशों के बाद दो सप्ताह के भीतर मद्रास उच्च न्यायालय में पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति ए.ए. नक्कीरन, निदुमोलु माला, एस. सौंथर, सुंदर मोहन और कबाली कुमारेश बाबू को को नियुक्त किया। इन्‍हें उस तारीख से मद्रास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त माना जाएगा, जब वे कार्यभार ग्रहण करेंगे।

कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, "भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति न्यायाधीशों (i) ए. ए. नक्कीरन (ii) सुश्री निदुमोलू माला, (iii) एस. सौंथर, (iv) सुंदर मोहन और (v) कबाली कुमारेश बाबू को नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। मद्रास उच्च न्यायालय के उस दिन से न्यायाधीश होंगे, जिस तारीख से वे अपने संबंधित कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करेंगे।" सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 जून को सर्वसम्मति से इन पांच नामों की सिफारिश करने के बाद मद्रास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की थी।

शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों से परामर्श किया था जो प्रक्रिया ज्ञापन के संदर्भ में मद्रास उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित हैं। एससी कॉलेजियम ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 26 अक्टूबर 2017 के संकल्प के अनुसार भारत के प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की समिति ने उपरोक्त अतिरिक्त न्यायाधीशों के फैसलों का आकलन किया है।"

इसमें कहा गया है कि कॉलेजियम ने स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के लिए रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की जांच की थी। मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने और समग्र विचार करने के बाद कॉलेजियम ने यह सिफारिश करने का संकल्प लिया था कि ये पांच अतिरिक्त न्यायाधीश मौजूदा रिक्‍त पदों पर मद्रास हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं।

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