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चेन्नई, (आईएएनएस)। प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद शेख अंसारी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि संगठन कानूनी रूप से प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा।
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा बुधवार सुबह पीएफआई और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने के बाद यह बयान सामने आया है। अंसारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, यह स्पष्ट किया गया है कि भारत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस अवैध और अलोकतांत्रिक प्रतिबंध को हम चुनौती देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि संगठन उन सभी गतिविधियों को रोक देगा जो वह तमिलनाडु में कर रही है। दलित राजनीतिक संगठन के नेता, विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), थोल थिरुमावलवन ने भी पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए एक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि आरएसएस, भाजपा की वैचारिक शाखा को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
इस बीच, कुछ महिला कार्यकर्ताओं और एसडीपीआई और पीएफआई के समर्थकों ने कोयंबटूर के उक्कदम में विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि 22 सितंबर को एनआईए ने छापेमारी के बाद तमिलनाडु से पीएफआई के 11 नेताओं को गिरफ्तार किया था। जिसमें पीएफआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ए.एम. इस्माइल, कुड्डालोर जिला सचिव फैयाज अहमद, और डिंडीगुल क्षेत्र सचिव यासर अराफात समेत अन्य शामिल हैं।
Rani Sahu
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