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चेन्नई, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में शनिवार को लगातार दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के पदाधिकारियों के घरों पर पेट्रोल बम फेंके जाने की घटनायें हुयी और उनके वाहनों को आग के हवाले किया गया। पुलिस के अनुसार हमलों के पीछे उन शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है जो पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के परिसरों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के छापों से खफा है। छापे की कार्रवाई गुरुवार को कथित रूप से टेरर फंडिंग और मनी लाड्रिंग के संदेह के आधार पर की गयी थी।
टेरर फंडिंग के अलावा पीएफआई पर यह भी शक है कि वह कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के मकसद से लोगों को प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने के लिये न सिर्फ उकसा रहा है बल्कि इसके लिये बाकायदा प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है। पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि कोयंबटूर, इरोड, डिंडीगुल, रामनाथपुरम और चेन्नई में पेट्रोल बम से हमले (petrol bomb attack) की घटनायें सामने आयी हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों पर घर के बाहर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की गयी और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि कोयंबटूर में भाजपा कार्यालय और एक कपड़े की दुकान पर पेट्रोल बम फेंका गया जिसके बाद शहर में बड़ी तादाद में सशस्त्र पुलिस बल की तैैनाती की गयी है। कल रात भाजपा के एक पदाधिकारी के निवास स्थान पर भी पेट्रोल बम से हमला किया गया था। सूत्रों ने बताया कि टेक्सटाइल सिटी के रूप में विख्यात कोयंबटूर में हमले की इन वारदात को देखते हुये 1500 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। लोगों में भरोसा पैदा करने के लिये पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है। उन्होंने बताया कि चेन्नई में तांबरम के निकट आज तड़के करीब साढ़े चार बजे चितलापक्कम में कुछ शरारती तत्वों ने आरएसएस के एक पदाधिकारी के आवास पर पेट्रोल बम फेंका उस समय परिवार के सदस्य गहरी निद्रा में थे। इस हमले में हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान कर रही है।
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