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चेन्नई | गरीबों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर 176 करोड़ रुपये का टैक्स घोटाला करने वाले 34 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। वह देश छोड़कर भागने की फिराक में था। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने कहा कि वह गरीब लोगों से बैंग लोन दिलाने का वादा करके उनकी आधार और पैन डीटेल ले लेता था। इसके बाद उन्हीं के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर टैक्स घोटाला करता था।
जीएसटी इंटेलिजेंस के एक अधिकारी ने बताया, मास्टरमाइंड से कई कंपनियां जुड़ी हुई थीं। उसने टैक्सेबल वैल्यू 973.64 करोड़ रुपये पर फर्जी रसीदें बनाईं। इससे पहले 22 जून को इसी रैकेट से जुड़ा एक शख्स गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसी ने मास्टरमाइंड की जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि ये ठग बहुत ही शातिर थे और विदेशी सिम कार्ड से फॉरेन ऐक्सेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके फोन किया करते थे। इटेलिजेंस ने वॉट्सऐप चैट्स के बारे में पता लगाने के लिए ट्रैकिंग की और फिर अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। यूनिट का कहना है कि इस मास्टरमाइंड से जुड़े 25बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया है। 20 जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसल किए गए हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन, मॉडेम, लैपटॉप और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।
जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक फर्जी तरीकों से करीब तीन लाख रुपये की टैक्स चोरी हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई। इस वित्त वर्ष में टैक्स चोरी के करीब 14 हजार मामले दर्ज किए गए।
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