सिक्किम : उत्तर प्रदेश, सिक्किम की तर्ज पर लागू किया जाए स्पेशलिस्ट कैडर
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव (नीति) विशाल चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश और सिक्किम के मॉडल का अध्ययन कर उत्तराखंड को भी स्पेशलिस्ट कैडर लागू करना चाहिए। चिकित्सा अधिकारियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य में पीजी कर उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार तैयार करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं।
सोमवार को आईटी पार्क स्थित राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यालय में संयुक्त सचिव ने राज्य अधिकारियों के साथ बैठक कर केंद्रीय पोषित योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, इमरजेंसी कोविड रिस्पॉन्स पैकेज, 15वें वित्त आयोग, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत होने वाले कार्यों की समीक्षा की। बैठक में एनएचएम की मिशन निदेशक सोनिका ने प्रदेश में संचालित योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया।
संयुक्त सचिव विशाल चौहान ने कहा कि राज्य की चिकित्सा इकाईयों को आईपीएचएस मानकों के अनुसार तैयार करने के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएं। राज्य में स्पेशलिस्ट कैडर के लिए सिक्किम और यूपी मॉडल का अध्ययन किया जाए। जिसके बाद उत्तराखंड में भी स्पेशलिस्ट कैडर लागू करें। चिकित्सा अधिकारियों को पब्लिक हेल्थ में पीजी कर उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। राज्य के बड़े जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लाकों की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन में उपलब्ध फंड का उपयोग प्राथमिकता से किया जाए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित कार्यक्रमों के लिए इसी माह पहली किश्त जारी की जाएगी। जिससे स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर समय पर शुरू किया जा सके। बैठक के बाद उन्होंने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अधोईवाला का निरीक्षण किया। जहां उन्होंने ओपीडी सेवा, ई-संजीवनी कंसलटेंसी, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज, निशुल्क जांच सेवाओं के बारे में जानकारी ली। बैठक में एनएचम निदेशक डॉ.सरोज नैथानी, डॉ.कुलदीप मर्तोलिया, डॉ.पकंज कुमार सिंह, डॉ.मंयक बडोला, डॉ.अजय, डॉ.राजन अरोड़ा, डॉ.अमित शुक्ला, डॉ.फरीद, डॉ.वीएस टोलिया, डॉ.अभय कुमार, डॉ.अर्चना ओझा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र कुमार मौर्य, डॉ. सुजाता आदि मौजूद थे।