सिक्किम

सिक्किम: शाको चो ग्लेशियल झील की टूटने की आशंका, सरकार ने गांव खाली करवाए

SANTOSI TANDI
7 Oct 2023 10:09 AM GMT
सिक्किम: शाको चो ग्लेशियल झील की टूटने की आशंका, सरकार ने गांव खाली करवाए
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झील की टूटने की आशंका, सरकार ने गांव खाली करवाए
गंगटोंक सिक्किम में एक और झील टूटने की कगार पर है। राजधानी गंगटोक से 135 किमी दूर स्थित लाचेन वैली की शाको चू लेक गंभीर हालत में है। इसे ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड से ठीक पहले की अवस्था कहा जा सकता है। जिला प्रशासन ने इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है और संबंधित इलाकों से नागरिकों को हटाना शुरू कर दिया है।
शाको चो ग्लेशियल झील थंगु गांव के ऊपर है। यह झील 1.3 किमी लंबी है और इससे गांव केवल 12 किमी दूर है। गंगटोक जिले के सिंगतम में पूरे गोलितार क्षेत्र, मंगन जिले के डिच्छू और पाक्योंग जिले के रंगपो आईबीएम क्षेत्र को अधिकारियों ने खाली करा दिया है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सेटेलाइट के आंकड़ों से पता चलता है कि साको चो जील के ऊपर हिमनद के तापमान में असामान्य वृद्धि हुई है। गंगटोक के जिला मजिस्ट्रेट तुषार निखरे ने कहा कि तापमान स्थिर होने पर यह कोई मुद्दा नहीं होगा। निखरे ने कहा कि वे 7.30 बजे फिर से क्षेत्र की स्थिति की जांच करेंगे। हालांकि, एहतियाती उपाय के रूप में, एक निकासी परामर्श जारी किया गया है। क्योंकी झील में गाद जमा हो गई है, इसलिए पानी का कोई भी अचानक निर्वहन जमा हुए मलबे के ऊपर एक ऊंचे स्तर पर होगा और नुकसान पहुंचा सकता है।
नुकसान का विस्तृत आकलन करेगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने कहा कि वह बाढ़ का पानी कम होने के बाद सिक्किम में पनबिजली परियोजनाओं को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करेगी। बिजली मंत्रालय ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली पनबिजली कंपनी एनएचपीसी पनबिजली परियोजनाओं को जल्द से जल्द चालू करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने बुधवार को एनएचपीसी के साथ एक आपातकालीन बैठक की, जिसमें मंत्रालय और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कई पुल जलमग्न
तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण, तीस्ता-5 पनबिजली स्टेशन से तारखोला और पाम्फोक तक नीचे की ओर सभी पुल जलमग्न हो गए हैं या बह गए हैं, जिससे इन क्षेत्रों में यात्रा और संचार प्रभावित हुआ है। बाढ़ का पानी तीस्ता वी पावर स्टेशन के बांध को पार कर गया (510 MW)। परियोजना स्थलों को जोड़ने वाली सभी सड़कों के साथ-साथ आवासीय कॉलोनी के कुछ हिस्सों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।
इससे पहले 3 अक्टूबर को बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ ने राज्य में अभी तक तबाही मचाई हुई है। 4 जिलों- मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बाढ़ से 25000 लोग प्रभावित हुए हैं। 1200 घर बह चुके हैं। 7 हजार लोग अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। अब तक 2413 लोगों को बचाया गया है।
6875 लोग राज्य भर में बनाए गए 22 रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। वहीं, इस आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या शुक्रवार देर रात तक बढ़कर 26 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने बताया कि बुरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से 7 के शव नदी के निचले इलाकों से बरामद कर लिए गए हैं। लापता जवानों में से एक को बचा लिया गया था। 15 जवान समेत कुल 143 लोग अभी भी लापता हैं।
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