सिक्किम

सिक्किम : टूटा अफ्रीकी स्वाइन फीवर का कहर, लगा दिया बिक्री पर बैन

Shiddhant Shriwas
12 Jun 2022 9:07 AM GMT
सिक्किम : टूटा अफ्रीकी स्वाइन फीवर का कहर, लगा दिया बिक्री पर बैन
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गंगटोक। पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के बाद अब सिक्किम में भी अफ्रीकन स्वाइन फीवर के मामले सामने आए हैं। इसके चलते नार्थ सिक्किम जिले में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) के मामले सामने आने के बाद सिक्किम सरकार ने राज्य में सुअर की बिक्री पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। सरकार के मुताबिक पिछले 2 महीनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुल 117 सुअरों की मौत हुई है। पशुपालन विभाग के सचिव डॉ पी सेंथिल कुमार ने आम लोगों को सुअर का मांस खाने से परहेज करने को कहा है। साथ ही कहा है कि नॉर्थ सिक्किम जिले में सुअर से लिए गए नमूनों का पहला 'पोर्सिन प्रजनन और श्वसन सिंड्रोम' (पीआरआरएस) परीक्षण इस साल 23 फरवरी को सकारात्मक आया था। 29 फरवरी को अफ्रीकी स्वाइन फीवर का पहला मामला सामने आया था।

यह भी बताया गया है कि वायरस से सुअरों के मरने की आशंका 20 प्रतिशत है, लेकिन सिक्किम में इस समय वायरस से मरने वाले सुअरों की मृत्यु दर एक प्रतिशत है। पशुपालन विभाग के सचिव ने कहा कि राज्य सरकार वायरस के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है और पूरे राज्य में इस पर जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इससे पहले त्रिपुरा में स्वाइन फीवर के मामले आने के बाद बड़े पैमाने पर राज्य सरकार ने सूअरों को मारने का आदेश दिया था। त्रिपुरा के पशुपालन विभाग ने सिपाहीजाला जिले के देवीपुर स्थित सरकार द्वारा संचालित प्रजनन फॉर्म में अफ्रीकी स्वाइन बुखार से संक्रमित सूअरों को सामूहिक तौर पर मारने का निर्णय लिया था। सूअरों को मारने के बाद इनके शवों को एक निश्चित स्थान पर फेंक दिया गया था। वहीं जो जीवित बचे थे, उन्हें क्वारंटीन किया गया था।

इससे पहले मिजोरम में अफ्रीकन स्वाइन बुखार से राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। मिजोरम में पिछले दो महीनों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से मरने वाले सूअरों की संख्या बढ़कर 1000 तक पहुंच गई। पशुपालन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ लाल्हमिन्गथंगा का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से आइजावल, चम्पाई, लुंग्लेई और सैतुअल जिले में करीब 17 गांवों में प्रकोप फैल चुका था।

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