सिक्किम

1971 के भारत-पाक व दूसरे विश्वयुद्ध के योद्धा सैनिक को सिक्किम में किए गए सम्मानित

Kunti Dhruw
2 Dec 2021 3:52 PM GMT
1971 के भारत-पाक व दूसरे विश्वयुद्ध के योद्धा सैनिक को सिक्किम में किए गए सम्मानित
x
सिक्किम (sikkim) में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971 Indo-Pakistani War) के योद्धा और दूसरे विश्व युद्ध के योद्धाओं विशेष उपहार और नगद राशि के साथ सम्मानित किया गया।

गंगटोक। सिक्किम (sikkim) में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971 Indo-Pakistani War) के योद्धा और दूसरे विश्व युद्ध (second world war) के योद्धाओं विशेष उपहार और नगद राशि के साथ सम्मानित किया गया। सम्मान कार्यक्त्रम सिक्किम राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा दक्षिण सिक्किम के चेमचे स्थित 'इंडियन हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर एंड इको टूरिजम' के प्रेक्ष गृह में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर राज्य पर्यटन एवं नागरिक उड्यन विभाग के मंत्री बीएस पंत मुख्य अतिथि और विभिन्न विभाग के चेयरपर्सन और सलाहकार, राज्य सैनिक बोर्ड के सचिव कर्णल डीएन भूटिया लगायत भूतपूर्व सैनिक, शहीद परिवार के सदस्य और वीर नारी उपस्थित थे। राज्य सैनिक बोर्ड ने इस बार 1971 के भारत पाक युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध के योद्धाओं को सम्मानित किया है। उनमें से हवलदार कृष्ण बहादुर राई, कर्ण बहादुर छेत्री, नाइक कर्ण सिंह लिंबू, हवलदार बलराम तामाग आदि शामिल थे। इसके साथ ही कुछ शहीदों को भी सम्मानित किया गया जिसके बदले में उनकी वीर नारियों ने सम्मान ग्रहण किया। मुख्य अतिथि के हाथों शौर्यचक्त्र प्रापक राइफलमेन सिद्धिमान गुरुंगऔर नाइक धनबहादुर गुरुंग को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्त्रम के अवसर पर भारतीय सेना में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सिक्किम की तीन महिला डॉक्टरों को सम्मानित किया गया। उनमें से डा. रंजिता राई, डा. मीरा अंगमू भीटिया और डा. सबिना गुरुंग शामिल है। कार्यक्त्रम के अवसर पर मुख्यअतिथि के हाथों सैनिकों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पश्चिम जिला जिला सैनिक बोर्ड को चिफ मिनिल्टर रोलिंग ट्रफी से सम्मानित किया गया। उल्लेख किया जाता है कि यह ट्रॉफी उत्कृष्ट काम करने वाले जिला सैनिक बोर्ड को प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही राज्य सैनिक बोर्ड के द्वारा प्रकाशित 'सम्मान' पत्रिका अंक (2) भी विमोचन किया गया।
कार्यक्त्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंत्री बीएस पंत ने कहा कि 'मुझे लगता है कि भूतपूर्व सैनिक के परिवारों को समाज और देश अदेखा कर रही है, जो दु:ख का विषय है। सैनिक के परिवारों के पक्ष में समाज और सरकार जागरूक होना चाहिए।' मंत्री पंत ने आगे कहा कि हिंदुस्तान के लिए शहीद होने वाले, देश के लिए लड़ रहे सिक्किमी वीरों की वीर गाथा लिखकर पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही सिक्किम की संवैधानिक सुरक्षा कवच 371 एफ को भी राज्य पाठ्यपुस्तक में समावेश करना चाहिए उन्होंने कहा। मंत्री पंत ने उपस्थित वीर योद्धा और उनके परिवार को आश्वासन दी है कि वह इस बात का प्रपोजल राज्य सरकार तक पहुंचाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के लिए राज्य की सरकारी नौकरी में तीन प्रतिशत आरक्षण है। लेकिन इसका फायदा सैनिक ले रहे है या नहीं इस विषय में पढ़ताल आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें सरकार की हो या किसी की भी पड़ताल आवश्यक है। मंत्री पंत ने बताया है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभाग नौकरी के लिए वेकेंसी निकालते है, लेकिन उनमें से कितने सारे विभाग भूतपूर्व सैनिक के लिए स्थान नहीं देते है इसमें किसकी कमजोरी है इसे भी देखा जाएगा। मंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों के परिवार को हरदम साथ देने की आश्वासन दी। उन्होंने बोर्ड से अपील की है कि राज्य सैनिक बोर्ड राज्य के युवाओं को फोर्स में जाने के लिए प्रेरित करें।
Next Story