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भीम दाहाल ने 30 सालों तक की थी सिक्किम राज्य की सेवा
गंगटोक। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) ने सोमवार को सिक्किम के पूर्व लोकसभा सांसद तथा साहित्यकार भीम दाहाल (Former Sikkimese Lok Sabha MP and litterateur Bhim Dahal) के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी मुख्यालय में आयोजित शोक सभा में पूर्व मुख्यमंत्री तथा एसडीएफ पार्टी के अध्यक्ष पवन चामलिंग (Former Chief Minister and SDF Party President Pawan Chamling), पार्टी के उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक समेत एसडीएफ के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
आयोजित शोक सभा में पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग ने कहा कि स्वर्गीय दाहाल अब हमारे बीच अमर बनकर रहे है। मृत्यु एक अकाट्य सत्य है। स्वर्गीय दाहाल ने एसडीएफ में रहकर 30 साल सिक्किम की सेवा की। वह लगातार तीन बार सांसद रहे। आगे चामलिंग ने कहा वे पार्टी साहित्य से लेकर परिवर्तन नामक पत्रिका में उन्होंने योगदान दिया। बता दें कि एसडीएफ पार्टी ने उनके अच्छे काम को देखते हुए साल 1996 में लोकसभा सांसद के लिए टिकट दिया था। इसके बाद उन्होंने 11, 12 और 13वें लोकसभा में सिक्किम का प्रतिनिधित्व किया।
चामलिंग ने कहा कि स्वर्गीय दाहाल के कार्यकाल में सिक्किम के लिंबू तामाग समुदाय को जनजाति मान्यता मिली, अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल होने से छूटे पांच समुदाय को केंद्रीय ओबीसी में शामिल किया गया। इसके साथ ही राज्य में अन्य पिछड़े वर्ग को राज्य स्तरीय ओबीसी का दर्जा दिया गया। उनका सबसे अहम योगदान सिक्किम को पूर्वोत्तर प्रभाग में सदस्यता दिलाई है। साथ ही चामलिंग ने कहा कि स्वर्गीय दाहाल के संसदीय काल में बहुत अच्छा काम हुआ जो किसी अन्य सांसद के कार्यकाल में नहीं हुआ।
बता दें कि दाहाल एसडीएफ पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सलाहकार थे। उन्होंने पार्टी की सिद्धात के साथ कभी भी समझौता नहीं किया। साल 1993 से मृत्यु पर्यंत वह एसडीएफ पार्टी के सदस्य के रूप में रहे। पवन चामलिंग ने कहा कि स्वर्गीय दाहाल के कार्यशैली और उनकी जीवन चरित्र से वर्तमान युवाओं को सीखने की आवश्यक है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि एसडीएफ के नेताओं में से चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले वह एकमात्र नेता थे।
साथ ही चामलिंग ने घोषणा की कि स्वर्गीय दाहाल के कृतियों को जीवंत रखने के लिए निर्माण प्रकाशन सभी कृतियों को प्रकाशित करेगी। उनके अप्रकाशित कृतियों को संकलित कर निर्माण प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। पवन चामलिंग ने स्वर्गीय दाहाल के सभी कृतियों को एकत्रित कर प्रकाशन समक्ष देने की अपील की है। उन्होंने यह सभी कार्य साल 2022 के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया।
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