![शरद पवार की टिप्पणी सत्ता के लिए अतृप्त भूख शरद पवार की टिप्पणी सत्ता के लिए अतृप्त भूख](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/07/01/3100146-images1593764887787ashishshelar.webp)
दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आशीष शेलार ने 2019 में महाराष्ट्र में सरकार गठन पर राकांपा प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह सत्ता के लिए उनकी (पवार की) ‘अमिट भूख’ को प्रदर्शित करती है। शेलार ने कहा कि पुणे में संवाददाता सम्मेलन में पवार द्वारा की गई टिप्पणी यह साबित करती है कि पिछले साल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत करना सही था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार की अल्पकालिक सरकार के गठन से जुड़े घटनाक्रमों पर सार्वजनिक चर्चा करने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को बेनकाब करने और सत्ता के प्रति उसकी लालसा को उजागर करने के लिये कुछ चीजें की गई थी।
पवार, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुधवार को एक साक्षात्कार के दौरान किये गये दावों से जुड़ें सवालों का जवाब दे रहे थे। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया था कि पवार 2019 में भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन फिर वह पीछे हट गए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने कहा था कि उनके ससुर (टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी सादु शिंदे) एक ‘गुगली’ गेंदबाज थे और वह (पवार) खुद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, क्रिकेट खेले बिना, मुझे पता है कि कहां और कब गुगली डालनी है।’’ भाजपा नेता शेलार ने कहा, ‘‘हमें विश्वास नहीं है कि यह गुगली है। यह सत्ता की कभी न मिटने वाली भूख है।
इस मुद्दे पर देवेंद्र जी के बोलने के बाद आधा सच सामने आ गया है। हम इस पर सार्वजनिक चर्चा के लिये तैयार है। पवार की टिप्पणी साबित करती है कि एकनाथ शिंदे का विद्रोह सही था।’’ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा कि शिंदे सही थे, जब उन्होंने कहा था कि शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी राकांपा पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह कभी भी अपना रुख बदल सकती है। उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में राजभवन में फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार 80 घंटे तक ही टिक पाई थी। बाद में, तत्कालीन (अविभाजित) शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की सरकार बनाई, जो पिछले साल जून में गिर गई।