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कोटा। राजस्थान के कोटा जिले के नयापुरा पुलिस थाना परिसर (Nayapura police station) में 15 सितंबर की रात को पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास करने वाले गांवड़ी निवासी राधेश्याम मीणा (Radheshyam Meena) ने मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Sarfadjung Hospital in Delhi) उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। कोटा से गई पुलिस टीम अस्पताल में ही पोस्टमार्टम करवाएगी। उसके बाद उसे कोटा लाने की प्रक्रिया होगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मील ने बताया कि राधेश्याम मीणा की अस्पताल में मंगलवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल में मौजूद कोटा पुलिस वहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाएगी। उसके बाद उसे कोटा लाने की प्रक्रिया की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में तीन स्थानीय पार्षद सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को कोर्ट ने सोमवार को जमानत भी मिल गई थी। पुलिस अब राधेश्याम द्वारा दी गई रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करेगी। पुलिस ने मामले में कांगे्रस पार्षद हरिओम सुमन, हितेश शर्मा व अमित को गिरफ्तार किया गया था। तीनों की ओर से कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी पेश की गई थी। इसकी सोमवार को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।
गौरतलब है कि नयापुरा थाना में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर 15 सितंबर को खंड गावडी निवासी राधेश्याम मीणा ने खुद को आग लगा ली थी। इस मामले में पहले उसे पुलिसकर्मी आग बुझा कर एमबीएस अस्पताल ले गए थे, जहां से 15 सितंबर की देर रात को ही जयपुर रेफर कर दिया था। वहीं, 17 सितंबर देर रात को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएमएस अस्पताल जयपुर से दिल्ली एम्स भेज दिया था, जहां पर उपचार के दौरान मंगलवार को राधेश्याम की मौत हो गई।
ये था पूरा मामला
राधेश्याम ने वार्ड के व्हाट्सएप ग्रुप पर स्थानीय पार्षद हरिओम सुमन के बारे में एक पोस्ट डाली थी। इस पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ और मामला थाने तक पहुंच गया। लेकिन, शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होने से राधेश्याम तनाव में आ गया। इसके बाद उसने पुलिस की कार्यशैली से नाराज होकर 15 सितंबर की थाने में जाकर पेट्रोल छिड़कर खुद को आग लगा ली थी।
गुंजल ने गहलोत सरकार पर उठाए सवाल
भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल (BJP EX-MLA Prahlad Gunjal) ने राधेश्याम की मौत के मामले में प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि ये केवल पुलिस की गलती नहीं है, सरकार में बैठे लोगों की भी गलती है। कांग्रेस राज में अपराधियों के हौसले बुलंद है। राधेश्याम के परिवाद की इसलिए सुनवाई नहीं हुई कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव था। किस का दबाव था, यह बताना चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि इतने बड़े घटनाक्रम के बाद भी सरकार की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह घटना मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हुई। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए अगले कदम उठाए जाएंगे।
मंत्री शांति धारीवाल ने संवेदना व्यक्त की
नयापुरा निवासी राधेश्याम की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने पूरी घटना को दुखद बताते हुए कहा है कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से हर संभव मदद के लिए प्रयास करेंगे । मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि घटना संज्ञान में आने के बात तुरंत राधेश्याम के इलाज को प्राथमिकता देते बेहतर इलाज के लिए जयपुर शिफ्ट करवाया गया जयपुर के बाद दिल्ली इलाज के लिए भेजा गया, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ है। पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से दी जाने वाली हर संभव मदद के लिए प्रयास करेंगे।
न्यूज़क्रेडिट: sachbedhadak
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