राजस्थान

महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चलकर देश की समृद्ध विरासत का संरक्षण करें युवाः

Tara Tandi
5 March 2024 1:12 PM GMT
महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चलकर देश की समृद्ध विरासत का संरक्षण करें युवाः
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चूरू । विधायक हरलाल सहारण ने कहा है कि महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चलकर युवा पीढ़ी देश की समृद्ध विरासत का संरक्षण करे तथा भाईचारे को बढ़ावा दे। युवा पीढ़ी के कंधों पर देश की आधारशिला टिकी हुई है। युवा शक्ति से ही देश की समृद्ध विरासत व देश का उत्थान संभव है।
विधायक सहारण मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित मातुश्री कमला गोयनका टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय अहिंसा एवं कौमी एकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जिला प्रमुख वंदना आर्य, जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी, चूरू तहसीलदार चंद्रशेखर, एसीईओ दुर्गा ढाका, धर्मगुरु रामसिंह, एसिस्टेंट प्रोफेसर शमशाद अली सहित अतिथि मंचस्थ रहे। मंचस्थ अतिथियों ने महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सहारण ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के लिए आजादी का मार्ग प्रशस्त किया और उनके इस आंदोलन के हथियार मात्र प्रेम व अहिंसा थे। महात्मा गांधी ने अपने विचारों से देश की करोड़ों जनसंख्या को एकसूत्र में बांधने का काम किया, जिससे देश को आजादी मिली। महात्मा गांधी ने कहा था कि ‘सब एक-एक हैं, सबमें एक है।‘ युवाओं को इसी संदेश के साथ सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लेकर अपनी भाईचारे व अहिंसा की समृद्ध विरासत को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी वर्तमान समय में प्रासंगिक हैं। हमें उनके विचारों व पदचिन्हों पर चलकर देश को आन्तरिक मजबूती प्रदान करनी है। हम सभी का नैतिक दायित्व है कि सभी धमोर्ं का सम्मान करते हुए आपसी भाईचारे से राष्ट्र की उन्नति के लिए प्रयास करें।
जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि महात्मा गांधी के सुझाए भाईचारे, शांति व अिंहंसा के मार्ग पर चलकर हम अपनी सभी कठिनाइयों को आसानी से सुलझा सकते हैं। प्रेम व भाईचारे से सामाजिक जीवन सुगम हो जाता है तथा एक सकारात्मक सामाजिक वातावरण तैयार होता है।
उन्होंने कहा कि ‘हम सब एक हैं‘ की भावना से साथ चलकर युवाओं को स्नेहिल व सकारात्मक सामाजिक दृष्टिकोण का विकास करना चाहिए। ‘अहिंसा परमो धर्म‘ की भावना से ओत-प्रोत होकर आपसी प्रेम व भाईचारे के साथ सभी से समान रूप से साथ लेकर हमें सामाजिक एकता को आगे बढ़ाना है।
जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी ने कहा कि भारत का भविष्य युवा पीढ़ी पर निर्भर है। भविष्य का भारत किस प्रकार का स्वरूप धारण करेगा, यह हमारी युवा पीढ़ी निर्धारित करेगी। इसलिए वर्तमान युवा पीढ़ी को जाति, धर्म से उपर उठकर देश के लिए समर्पित होकर काम करना है। युवा पीढ़ी आधुनिकताओं से परे होकर समाज की समृद्ध विरासत को सहेजे और भावी पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करे। उन्होंने हिंसा का त्याग कर सोच व नजरिया में बदलाव कर जातिगत विचारधाराओं को समाप्त करने व भारतीयता को आगे बढ़ाने के विचारों को आत्मसात करने की बात कही।
गायत्री परिवार के रामसिंह ने कहा कि मानव मूल्यों का कल्याण जरूरी है। हमारी संस्कृति के संरक्षण के साथ हमें प्राणी मात्र के कल्याण के लिए काम करना होगा। धर्म, जाति के नाम पर आपसी वैमनस्य से दूर होकर हमें प्रेम, सहानुभूति, दया, करूणा का विकास जनमानस में करना होगा। हमारी संस्कृति हमें प्रेम सिखाती है। हमारी संस्कृति मां है और सभी धर्म इसके पुत्र हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति शाश्वत है तथा धर्म और संप्रदाय दोनों अलग-अलग चीजें हैं। हमारा धर्म मानवता का है। प्राणी मात्र का हित करना ही धर्म है। हमें धर्म और संप्रदाय के बीच के अंतर को समझना होगा। संप्रदाय विचारधाराओं पर टिका है। संविधान भी हमें धर्म व पंथ निरपेक्ष होने का संदेश देता है। हमें मानव हित की अच्छी बातों को धारण करते हुए हमारी संस्कृति व मानव धर्म को सुदृढ़ करना है।
विधि महाविद्यालय के प्राचार्य श्रवण सैनी ने गांधी दर्शन, गांधी के न्यायशील संघर्ष के बारे में विचार व्यक्त किए तथा संवैधानिक मूल्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर जुगल सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। असिस्टेंट प्रोफेसर शमशाद अली व सहायक लेखाधिकारी रामनिवास मीणा ने भी विचार व्यक्त किए। बजरंग लाल जांगिड़ व अध्यापिका लक्ष्मी ने सर्वधर्म सद्भावना गीत प्रस्तुत किया। पारख बालिका विद्यालय की बालिकाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के प्रभारी जुगलसिंह भाटी और दयापाल पूनिया ने आभार प्रकट किया। इस दौरान सीडीपीओ शिवराज सिंह, नरेन्द्र स्वामी, सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर श्रीचंद बेनीवाल, उम्मेद, नीरज, मधु शर्मा, लक्ष्मी देवी, मनोज गढ़वाल, प्रमिला, मनीष, सुरेन्द्र सहित अन्य उपस्थित रहे। संचालन मोहम्मद अनवर कुरैशी और बजरंग लाल जांगिड़ ने किया।
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